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हल्द्वानी में विकसित होने वाले भारत की पहली एस्ट्रो पार्क कम साइंस सिटी को मिली सैद्धान्तिक स्वीकृति

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  • उत्तराखंड में एस्ट्रो-टूरिज्म की राह को पूर्ण करेगा हल्द्वानी का एस्ट्रो पार्क
  • हल्द्वानी में विकसित होने वाले भारत की पहली एस्ट्रो पार्क कम साइंस सिटी को मिली सैद्धान्तिक स्वीकृति
  • हल्द्वानी के तराई रेंज के 06 हेक्टयर क्षेत्र में विकसित होने वाली एस्ट्रो पार्क का एरीज, राजस्व व वन विभाग की टीम ने किया निरीक्षण
  • पार्क में नक्षत्र, सौर मंडल और नवग्रह को जुड़े अध्ययन किए जा सकेंगे- जिलाधिकारी

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री के निर्देश में शासन से एस्ट्रोपार्क कम साइंस सिटी की सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त होने के बाद एरीज के निदेशक प्रोफेसर दीपंकर बैनर्जी, एरीज के नोडल अधिकारी मोहित जोशी, रेंजर उमेश आर्या व उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष कुमार ने प्रस्तावित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके पश्चात वन भूमि हस्तांतरण हेतु अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि शासन द्वारा एस्ट्रोपार्क कम साइंस सिटी बनाने की सैद्धातिंक स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह भारत का पहला एस्ट्रोपार्क कम साइंस सिटी है, जिसे हल्द्वानी में विकसित किया जाएगा इस पार्क में नक्षत्र और सौर मंडल, नवग्रह को जुड़े अध्ययन किए जा सकेंगे। पार्क के लिए ओपन यूनिवर्सिटी के समीप 06 हेक्टयर भूमि का 22 फरवरी को संयुक्त निरीक्षण कर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रस्तावित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के समीप एस्ट्रोपार्क बनने से क्षेत्र की अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त होगी ,वही देश विदेश के एरीज में शिक्षा प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों के शिक्षा के विकास के साथ ही क्षेत्र के पर्यटन को बढावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि एस्ट्रोपार्क में साइंस लैब के साथ ही शिक्षार्थियों के लिए साइंस पवेलियन, डेटा सेंटर एवं साइंस पार्क भी निर्माण किया जायेगा। एस्ट्रो पार्क के स्थापित होने से क्षेत्रीय विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को विज्ञान के प्रति जागरूक किया जाएगा और भारत की वैज्ञानिक नीव सुदृढ़ होगी।

उन्होंने कहा एशिया की सबसे बडी देवस्थल में लगी एरीज दूरबीन से एस्ट्रोपार्क की कनक्टीविटी दी जायेगी। यह भारत में इस प्रकार का अभिनव एवं पहला प्रोजेक्ट होगा।

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