कोरोना वायरस और ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर के छात्रों ने सीबीएसई कक्षा 10 और 12वीं टर्म-2 की बोर्ड परीक्षा 2022 को रद्द करने की मांग की है। छात्रों का कहना ​​है कि कोविड के बढ़ते संक्रमण के बीच ऑफलाइन परीक्षा करवाने से उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। हालाँकि, अभी तक सीबीएसई, सीआईएससीई ने अभी तक टर्म-2 परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है, लेकिन सीबीएसई ने पहले ही कहा था कि टर्म-2 की परीक्षा कोविड-19 की स्थिति बेहतर होने के बाद ही कराई जाएगी।

इस बीच कुछ राज्यों (असम, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र ) ने बोर्ड परीक्षाओं को जारी रखने का फैसला किया है, जबकि पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश राज्य में कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कोविड-19 महामारी की स्थिति पर निर्भर है। इसके अलावा, यूपी बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा चुनाव के बाद आयोजित करने की घोषणा की है।
देशभर में सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं टर्म-2 परीक्षा के अलावा अन्य छात्र भी केंद्रीय और राज्य बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करवाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए पहले चरण की परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2021 में और दूसरे चरण की परीक्षा मार्च-अप्रैल में निर्धारित की थी।

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल बोर्ड परीक्षा के टर्म-2 के रद्द होने की संभावना बहुत कम है, साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर नियंत्रण में है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा है कि “अगर स्थिति और अधिक खराब होती है, तो बोर्ड परीक्षा का दूसरा सत्र आयोजित नहीं किया जाएगा और छात्रों द्वारा टर्म-1 में प्राप्त अंकों को ही अंतिम माना जाएगा और उसी आधार पर ही रिजल्ट तैयार किया जायेगा, लेकिन अगर स्थिति सामान्य रहती है तो टर्म-2 भी सफलतापूर्वक आयोजित किया जायेगा।

फाइनल रिजल्ट इन दोनों परीक्षा के 50-50 प्रतिशत अंकों के आधार पर ही तय किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण समय में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ही 15 से 18 वर्ष के छात्रों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, ताकि वे सुरक्षित रूप से बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकें।

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