हल्द्वानी। मंडलायुक्त के निर्देशों पर अमल करते हुए पुलिस ने सत्यापन अभियान एक बार फिर शुरू कर दिया है। जिसके तहत पुलिस की 16 टीमों ने बुधवार की प्रातरू नगर के विभिन्न क्षेत्रों में सत्यापन अभियान चलाया जिसमें सत्यापन न कराने पर 17 मकान स्वामियों के चालान काटे गए। इस अभियान से किराएदारों का सत्यापन न कराने वालों में हड़कंप मचा रहा। बता दें कि बीते दिनों नगर में एक के बाद एक ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातें हुई। इन घटनाओं ने पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को भी उजागर करने का कार्य किया। घटनाओं के घटित होने के बाद पुलिस ने एक-दो दिन चैकसी भी बरती लेकिन पुलिस को कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई। लगातार बढ़ती आपराधिक वारदातों के बीच मंडलीय समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त राजीव रौतेला ने पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था सुधारने की सख्त हिदायत दी थी। उन्होंने पुलिस को हल्द्वानी समेत अन्य शहरों में सत्यापन अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। साथ ही अपराधों के खुलासे व उनकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए थे। मंडलायुक्त के निर्देशों पर अमल करते हुए पुलिस ने नगर में एक बार फिर सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान की शुरुआत बुधवार की प्रातरू से की गई। अभियान के तहत पुलिस क्षेत्राधिकारी दिनेश ढौंढियाल, कोतवाल केआर पांडे, एसओ कमाल हसन, नंदन सिंह रावत, दिनेशनाथ महंत के अलावा 22 दरोगा व 75 कांस्टेबल, 20 महिला कांस्टेबल, एक प्लाटून पीएसी को तीन सेक्टरों में बांटकर 16 टीमें गठित की गई। इन टीमों ने जवाहर नगर, राजपुरा, गौला नदी व उसके आसपास के क्षेत्रों में रह रहे किराएदारों से जानकारी ली। इस दौरान पुलिस ने किराएदारों का सत्यापन न कराने पर 17 मकान स्वामियों के चालान काटे जिसमें 13 मकान स्वामियों के कोर्ट के व 4 के पांच-पांच हजार रुपये के नगद चालान शामिल हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से किराएदारों का सत्यापन न कराने वाले मकान स्वामियों में हड़कंप मचा रहा। पुलिस का कहना है कि सत्यापन अभियान आगे भी जारी रहेगा। साथ ही किराएदारों का सत्यापन न कराने वाले मकान स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह बिना सत्यापन कराए किसी भी सख्स को किराए में मकान उपलब्ध न कराएं।
पुलिस किसी भी घटना के घटित होने के बाद ही सक्रिय दिखाई देती है। नगर में बड़ी आपराधिक वारदातों के घटित न होने पर पुलिस को सत्यापन, वाहन चेकिंग, रात्रि गश्त की याद कभी भी नहीं आती है। यदि पुलिस सामान्यता सत्यापन, वाहन चेकिंग, रात्रि गश्त के प्रति सजगता दिखाए तो कई आपराधिक वारदातें घटित होने से बच सकती हैं।