ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में नौकरी के नाम पर आवेदकों से दो लाख से लेकर चार लाख रुपए तक लेने वाली कोर सेक्युरिटी कंपनी के खिलाफ एम्स पहुंचे सैकड़ो आवेदकों ने एम्स परिसर में जमकर नारेबाजी ओर हंगामा किया, यहाँ तक की कोर कंपनी के संचालक व आवेदकों में हाथापाई तक की नोबत आ गई, हंगामा बढ़ता देख पुलिस दोनों पक्षों को आईडीपीएल चैकी ले आई, जहां घंटो कंपनी संचालको व आवेदको के बीच नोकरी दिए जाने को लेकर तनातनी चलती रही।
ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में आज सैकड़ो आवेदक नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइनिंग करने पहुचे थे, जो दिल्ली की कोर सेक्युरिटी कंपनी द्वारा जारी किए गए थे, उल्लेखनीय है कि कोर सेक्युरिटी कंपनी एम्स ऋषिकेश में संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने का काम करती है, जिसके द्वारा अभी तक लगभग तीन सौ लोगो की भर्ती एम्स में विभिन्न पदों पर की गई है, जबकि 100 की भर्ती प्रक्रिया जारी है, इन्ही भर्तियों को लेकर आज सैकड़ो की संख्या में महिला व पुरूष आवेदक एम्स स्थित कोर कंपनी के ऑफिस में पहुंचे थे, कंपनी के द्वारा नियुक्ति नही देने पर आवेदक भड़क गए और हंगामे पर उतारू हो गए, मौके पर पहुची पुलिस कर्मी कंपनी के राजीव अरोड़ा ओर दीपक को थाने ले आई, आवेदक भी थाने पहुंच गए, उन्होंने कंपनी पर एम्स में नोकरी देने के एवज में लाखों रुपए दिए जाने का आरोप लगाया। घंटो तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस व स्थानीय राजनैतिक हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। और कंपनी के लोगों ने वीरवार तक सभी आवदेकों को नोकरी देने या पैसे वापिस लौटने की बात कही, आश्वासन के बाद सभी आवेदक लौट गए, हालांकि चैकी में कुछ लोग उक्त मामले में मध्यस्थता कर अपनी सेटिंग करते भी नजर आए। गौरतलब है कि ऋषिकेश के एम्स में नियुक्तियों में धांधली की शिकायते समय-समय पर मिलती रही है लेकिन बुधवार को हुए हंगामे ने स्पष्ट कर दिया कि, एम्स जैसे संस्थान में होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में लाखो रूपए का खेल किया जा रहा है जो कि करोड़ो में पहुंच गया है, कोटद्वार से आए एक आवेदक ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर बताया कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए उसके द्वारा कंपनी को तीन लाख रुपए दिए गए है, जो कि एम्स में नोकरी कर रहे कर्मचारियों की योग्यता पर प्रश्न चिन्ह है।

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