दशहरा व दीपावली पर उत्‍तराखंड से दिल्‍ली जाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर पढ़ लें वरना फ्लाॅप हो जाएगी प्‍लानिंग

Uttarakhand Roadways प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर एक अक्टूबर से प्रतिबंध लग सकता है। उत्तराखंड से दिल्ली के लिए रोजाना 450 बसों का संचालन हो रहा है जिसमें 300 बसें बीएस-4 श्रेणी की हैं। परिवहन निगम के पास वर्तमान में केवल 170 अनुबंधित सीएनजी बसें (बीएस-6 श्रेणी) ही ऐसी हैं जो एक अक्टूबर से दिल्ली में प्रवेश कर पाएंगी।

दशहरा व दीपावली जैसे त्योहारी सीजन में उत्तराखंड से दिल्ली जाने-आने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर एक अक्टूबर से प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है।

वर्तमान में उत्तराखंड से दिल्ली के लिए रोजाना 450 बसों का संचालन हो रहा, जिसमें 300 बसें बीएस-4 श्रेणी की हैं। परिवहन निगम के पास वर्तमान में केवल 170 अनुबंधित सीएनजी बसें (बीएस-6 श्रेणी) ही ऐसी हैं, जो एक अक्टूबर से दिल्ली में प्रवेश कर पाएंगी।

रोजाना 30 से 35 हजार यात्री करते हैं यात्रा
उत्तराखंड की बसों में रोजाना 30 से 35 हजार यात्री दिल्ली मार्ग पर यात्रा करते हैं। अगर बसों पर प्रतिबंध लगा तो उत्तराखंड की बसें दिल्ली सीमा तक ही जा सकेंगी। इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होगी, बल्कि परिवहन निगम को भी घाटा उठाना पड़ सकता है।

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम करने को सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित अधिकरण की सख्ती के तहत दिल्ली सरकार की ओर से बीएस-4 श्रेणी की सभी बसों के प्रवेश पर एक नवंबर-2022 से रोक लगाने की तैयारी कर ली गई थी।

सभी राज्यों को भेजे गए पत्र में दिल्ली में केवल बीएस-6 श्रेणी डीजल/सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों को ही प्रवेश करने देने की अनुमति की बात कही गई थी, लेकिन समस्त राज्यों के आग्रह के बाद समय-सीमा दो बार छह-छह माह के लिए बढ़ा दी गई। इसके बावजूद राज्यों ने नई बसों की खरीद नहीं की।

समय-सीमा को इसके कारण फिर 11 माह बढ़ाना पड़ा। चूंकि, इस अवधि में उत्तराखंड को छोड़कर अधिकांश प्रदेशों ने नई बसें खरीद ली हैं। ऐसे में इस बार दिल्ली सरकार राहत देने के मूड में नहीं दिख रही।

रोजाना करीब 450 बसें दिल्ली के लिए होती हैं संचालित
उत्तराखंड परिवहन निगम के सभी डिपो से रोजाना करीब 450 बसें दिल्ली के लिए संचालित होती हैं। इनमें साधारण, वातानुकूलित डीलक्स और सुपर डीलक्स वोल्वो बसें शामिल हैं। इनमें 158 सीएनजी साधारण बसें और 12 बीएस-6 श्रेणी की वोल्वो ही ऐसी हैं, जो नई व्यवस्था के अनुसार दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगी। इन 450 बसों में करीब दो दर्जन बसें दिल्ली होकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, जयपुर और श्री खाटूश्याम जी आदि के लिए संचालित होती हैं।

अनुबंधित बसों को छोड़ दें तो उत्तराखंड परिवहन निगम के पास बीएस-6 श्रेणी व सीएनजी चालित अपनी एक भी बस नहीं है। दिल्ली सरकार ने एक माह पूर्व ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी, लेकिन उत्तराखंड में अधिकारी निश्चिंत बैठे रहे।

दिल्ली सरकार से हाल ही में मिले नए नोटिस के बाद निगम के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। तकरीबन 1350 बस बेड़े वाले उत्तराखंड परिवहन निगम की गढ़वाल क्षेत्र से 275, जबकि कुमाऊं क्षेत्र की 175 बसें प्रतिदिन दिल्ली जाती हैं। गढ़वाल की ज्यादातर बसें कश्मीरी गेट आइएसबीटी, जबकि कुमाऊं की बसें आनंद विहार आइएसबीटी जाती हैं।

दूसरे राज्य जाने वाली बसें भी होंगी प्रभावित
दिल्ली में बीएस-4 डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगता है तो दिल्ली होकर दूसरे राज्य जाने वाली बसें भी प्रभावित हो सकती हैं। उत्तराखंड से दिल्ली से होकर निगम की बसें गुरुग्राम, फरीदाबाद, आगरा, जयपुर, अजमेर, अलवर, खाटूश्याम जी आदि के लिए संचालित होती हैं।

सुपर डीलक्स वोल्वो भी बीएस-4
परिवहन निगम की सुपर डीलक्स वोल्वो बसें भी बीएस-4 श्रेणी की हैं। ऐसे में इन बसों के दिल्ली में प्रवेश पर भी संकट खड़ा हो गया है। निगम के पास वर्तमान में 53 अनुबंधित वोल्वो बसें हैं, जिनमें 12 बसें ही बीएस-6 हैं। इनमें 47 बसें दिल्ली के लिए चल रही हैं। अकेले देहरादून से ही 27 बसें दिल्ली भेजी जाती हैं और सभी में आनलाइन टिकट बुकिंग फुल रहती हैं। ऐसे में जिन्होंने एक अक्टूबर के बाद के टिकट बुक किए हुए हैं, उन्हें परेशानी हो सकती है।