यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथी यूपी से देहरादून, देहरादून से चमोली कैसे पहुंच गए इस पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं अमनमणि त्रिपाठी ने दावा किया कि वे योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता के अस्थियों का विसर्जन करने के लिए बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पर निकले हैं जबकि अभी भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद हैं केवल केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुले हुए हैं वहां भी किसी को जाने की इजाजत नहीं है लेकिन यूपी के विधायक को किसने परमिशन दी यह सवाल सबके मन में उड़ रहा है स्थानीय लोगों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने बद्रीनाथ धाम के रावल को तो समय पर बद्रीनाथ धाम नहीं पहुंचाया लेकिन यूपी के भाजपा विधायक को बद्रीनाथ धाम जाने की परमिशन कैसे दे दी सूत्रों की मानें तो जो परमिशन अपर जिला अधिकारी देहरादून के नाम से बनी है उस पर भी सवाल निशान खड़े हो रहे हैं सूत्रों का कहना है कि इसमें अस्थि विसर्जन वाले रूट का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है केवल बद्रीनाथ धाम जाने और केदारनाथ जाने का रूट अंकित किया गया है इसलिए जो परमिशन भी फर्जी दिखाई दे रही है इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए साथ ही विधायक ने स्थानीय प्रशासन के साथ गोचर में और करणप्रयाग में काफी बदसलूकी की जिसके बाद चमोली प्रशासन ने यूपी विधायक को वापस लौटा दिया है

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