पिछले दिनों प्रदेश में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ की तर्ज पर एसआईएसएफ बनाने की सहमति बनी थी। शुरुआत में चर्चा थी कि इस फोर्स में पुलिस और होमगार्ड से जवानों और अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा।

स्टेट इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (एसआईएसएफ) में पुलिस से कोई अधिकारी या कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर नहीं जाएगा। इस विशेष बल में केवल होमगार्ड और भूतपूर्व सैनिकों को ही जगह मिलेगी। इसके लिए शासन स्तर पर हुई बैठक में विचार चल रहा है। जल्द ही इस प्रस्ताव को आगे वित्त और कार्मिक के पास भी भेजा जाएगा।

बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ की तर्ज पर एसआईएसएफ बनाने की सहमति बनी थी। शुरुआत में चर्चा थी कि इस फोर्स में पुलिस और होमगार्ड से जवानों और अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा। यह फोर्स प्रदेश के औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा में तैनात की जाएगी। इसे लेकर अब शासन स्तर पर विचार किया गया था। सूत्रों के अनुसार इसमें सहमति बनी है कि एसआईएसएफ में पुलिस से अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जाएगा। इस विशेष बल में केवल होमगार्ड और भूतपूर्व सैनिकों को स्थान मिलेगा

बताया जा रहा है कि एसआईएसएफ में होमगार्ड की संख्या 70 फीसदी तक हो सकती है। होमगार्ड के बहुत से अधिकारियों और कर्मचारियों के पास अत्याधुनिक हथियारों को चलाने का अनुभव भी है। इसके अलावा अब होमगार्ड को अन्य विशेष प्रशिक्षण से भी युक्त किया जा रहा है। यह प्रस्ताव गृह विभाग के स्तर पर लंबित चल रहा है। बताया जा रहा है कि यहां की संस्तुति मिलने के बाद इसे आगे वित्त और कार्मिक को भी जल्द भेज दिया जाएगा। जल्द ही यह फोर्स अस्तित्व में आ सकती है।
होमगार्ड को अतिरिक्त भत्ता देने की तैयारी
इस फोर्स में तैनाती के लिए होमगार्ड के जवानों को अतिरिक्त भत्ता दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। ताकि, इसमें आने के लिए ज्यादा से ज्यादा होमगार्ड प्रोत्साहित हो सकें। इसके लिए भी शासन में ही मंथन किया जा रहा है।पुलिस फोर्स की कमी के कारण हो रहा निर्णयI
बता दें कि लंबे समय से पुलिस विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी चली आ रही है। ऐसे में उच्चाधिकारियों ने ही इस बात को शासन के सामने रखा है ताकि फोर्स में और कमी का सामना न करना पड़े। इसके पीछे तर्क यह भी है कि होमगार्ड भी अब अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वह भी विभिन्न कामों में उत्तराखंड पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा सक्षम हाथों में ही रहेगी। उन्हें मजबूती देने के लिए भूतपूर्व सैनिकों को भी तैनात किया जाएगा।