Home उत्तराखण्ड हिंदू समाज को उनके ग्रन्थों का ज्ञान हो -आचार्य प्रशांत

हिंदू समाज को उनके ग्रन्थों का ज्ञान हो -आचार्य प्रशांत

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दीपक भारद्वाज सितारगंज

सितारगंज। प्रशान्त अद्वैत फाउंडेशन संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशान्त द्वारा लिखित 6 पुस्तकें अमेज़न पर “स्पिरिचुअल कैटेगरी” में टॉप 11 में शामिल हुई हैं । ये एक विरल व विशेष घटना है जब एक ही लेखक की इतनी पुस्तकें लिस्ट में शीर्ष पर हों।
प्रशांतअद्वैत संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत विगत 2006 से भारत के वैदिक ग्रन्थों का आम जनमानस को ज्ञान देने हेतु आध्यात्मिक मिशन में कार्यरत हैं। आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ एवं अध्यात्म संबंधी 80 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।
हिंदू समाज को उनके ग्रन्थों का ज्ञान हो सके, इसके लिए “घर घर उपनिषद” नामक विशाल कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है। इस मुहिम के तहत 20 करोड़ घरों में वेदांत-उपनिषद की प्रति संस्था द्वारा निशुल्क पहुंचाई जा रही है ।
आचार्य प्रशान्त ने आईआईएम की डिग्री के बाद जनमानस में आध्यात्मिक पुनरुत्थान का बीड़ा उठाया। अंग्रेज़ी में उनकी पुस्तक ‘कर्म’ देश की शीर्ष बेस्टसेलिंग पुस्तक है। देश के जाने-माने विश्वविद्यालयों में 500 से अधिक उनके सत्र हो चुके हैं, यूट्यूब पर 10,000 से अधिक वीडिओ, हैं।
इसके अलावा आध्यात्मिक पुस्तकों की “टॉप 50” लिस्ट में भी उनकी कुल 19 किताबें थीं। इनमे महाभारत, संबंध, पंचतंत्र, डर, श्रीमद्भागवत गीता, अष्टवक्र गीता,भागे भला न होए समेत कई पुस्तकें शामिल हैं। आचार्य प्रशान्त देश विदेश में अध्यात्म का प्रचार प्रसार कर वेदांत, उपनिषद की शिक्षा दे रहे है साथ ही लोगो को मांसाहार से दूर रहकर वीगन बनने की सलाह दे रहे हैं जिससे पशुओं के साथ जो क्रूरता होती है उस पर रोक लगाई जा सके।

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