इस वर्ष 1 जून को हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए गए थे भारी बर्फबारी के बीच इस बार हेमकुंड साहिब के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए गए थे वहीं अक्टूबर माह में शीतकाल के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए जाएंगे इस वर्ष हेमकुंड साहिब में सितंबर माह के आखरी तक ढाई लाख से भी अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब में माथा टेक चुके हैं।

2013 की आपदा के बाद हालांकि हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई लेकिन धीरे-धीरे हेमकुंड साहिब में आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है श्रद्धालुओं का कहना है कि धीरे-धीरे हेमकुंड साहिब में स्थिति ठीक होती जा रही है रास्ते कुछ जगहों पर खतरनाक हैं लेकिन फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा करना काफी अच्छा लग रहा है यात्रियों का कहना है कि 2013 की आपदा के बाद गोविंदघाट हेमकुंड साहिब के रास्ते पर पड़ने वाले पैदल मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हो गए थे लेकिन अब धीरे-धीरे सभी व्यवस्थाएं ठीक होती जा रही है और आने वाले समय में और भी श्रद्धालु पंजाब-हरियाणा और अन्य विदेशों में रहने वाले सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे

गोविंदगढ़ के गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि इस वर्ष यात्रा में काफी रुझान देखा गया और 2013 की आपदा के बाद धीरे-धीरे हेमकुंड साहिब की यात्रा भी पटरी पर लौट रही है शासन प्रशासन के द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं इस वर्ष लगभग ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं और अक्टूबर 10 तारीख को जब कपाट बंद होंगे तो उस दौरान लगभग 10 से 15000 श्रद्धालु हो हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे यानी कि इस बार तीन लाख के आसपास हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा कमेटी के द्वारा यह निर्णय लिया गया है 10 अक्टूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए जाएंगे

इस वर्ष 1 जून को जब हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए थे तब हेमकुंड साहिब में 8 से 10 फीट बर्फ जमी हुई थी उस बीच भी कड़ाके की ठंड में श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे थे वर्तमान समय में भी हेमकुंड साहिब में मौसम बदल रहा है और थोड़ी सी बारिश और बर्फबारी होते ही पहाड़ों पर बर्फ जम रही है जिसकी वजह से धाम का तापमान भी निरंतर गिरता जा रहा है इसलिए ठंड को देखते हुए इस वर्ष कपाट को 10 अक्टूबर बंद कर दिए जा रहे हैं।

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