यह तस्वीर है उत्तराखंड के चमोली जनपद के दशॉली विकासखंड की निजमुला घाटी के लोग उफानी बिरही गंगा को पार कर रहे हैं लकड़ी के कच्चे पुल कभी भी नदी में समा सकते हैं लोग उसी के ऊपर से आवागमन कर रहे हैं इस घाटी में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन शासन प्रशासन आंखें बंद करके बैठा है ।
गांव के प्रधान मोहन सिंह का कहना है कि ग्रामीण कच्चे रास्तों से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं उफ़ानी नदी नाले विकराल रूप में दिखाई दे रहे हैं यहां पेड़ों को काटकर बलिया लगाई गई है और लोग उन्हीं से आवागमन कर रहे हैं थोड़ी सी लापरवाही न जाने कितने ग्रामीणों की जान ले सकती है। मानसून में पहाड़ों में जबरदस्त बारिश होती है और नदी नाले अपना विकराल रूप धारण कर लेते हैं और लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है बीमार आदमी को अस्पताल पहुंचाने में काफी परेशानी होती है 2018 की आपदा में पक्का पुल क्षतिग्रस्त हो गया था 2 साल बीत जाने के बाद भी पक्का पुल नहीं बन रहा है जिससे आवागमन में काफी दिक्कतें हो रही हैं
वही चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि निर्मला घाटी में लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के तहत पक्के पुल बनाए गए हैं लेकिन लोग फिर भी जान जोखिम में डालकर इन्हीं पुलो का प्रयोग कर रहे हैं जो कि खतरनाक हो सकता है उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि इस तरीके से इन रास्तों का प्रयोग न करें