हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को हरिद्वार से मिला टिकट, नैनीताल में कांग्रेस ने इस चेहरे पर खेला दांव
नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट पर टिकट की दौड़ में बाजी आखिरकार पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी के हाथ लगी। इस सीट पर दावेदारों की दौड़ में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल भी आगे माने जा रहे थे। बाद में प्रत्याशियों के संबंध में अंतिम निर्णय के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ विचार कांग्रेस ने कई दिनों की मशक्कत के बाद आखिरकार शनिवार देर रात्रि हरिद्वार और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय सीटों के प्रत्याशी घोषित कर दिए। हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत और नैनीताल-ऊधमसिंहनगर से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी को टिकट दिया गया है। पार्टी ने दोनों ही सीटों पर नए चेहरों पर दांव खेला है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पैरवी काम आई और पार्टी ने उनकी पसंद के अनुसार उनके पुत्र को चुनाव मैदान में उतार दिया। वहीं, नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट पर पार्टी ने निष्ठावान और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम का हिस्सा रहे प्रकाश जोशी सभी दावेदारों पर भारी पड़ गए।
कांग्रेस ने उत्तराखंड की कुल पांच में से तीन संसदीय सीटों गढ़वाल, टिहरी और अल्मोड़ा के लिए गत 12 मार्च को प्रत्याशियों की घोषणा की थी। हरिद्वार और नैनीताल-ऊधमसिंहनगर की सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर सहमति नहीं बनने से पेच फंस गया था। पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद 11 दिन बाद यह मामला सुलझ सका।
प्रत्याशियों के चयन विशेष रूप से हरिद्वार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी बात मनवाने में सफल रहे। वह अपने पुत्र वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता वर्तमान राजनीतिक चुनौती को देखते हुए हरीश रावत को मजबूत प्रत्याशी बताते रहे।
नैनीताल-ऊधमसिंहनगर सीट पर टिकट की दौड़ में बाजी आखिरकार पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी के हाथ लगी। इस सीट पर दावेदारों की दौड़ में पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल भी आगे माने जा रहे थे। बाद में प्रत्याशियों के संबंध में अंतिम निर्णय के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रकाश जोशी पर भरोसा जताया।