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हरक सिंह के बयान फिर चर्चाओं में, ऐसे ही बड़बोले बयानों ने बढ़ाई हमेशा हरक की परेशानी

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उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है. उससे पहले तमाम बड़े नेता रुद्रप्रयाग जिले में चुनाव-प्रचार करने में जुटे हुए हैं और एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का भी एक बयान काफी सुर्खियों में है, जो उन्होंने ईडी जांच और सीएम पुष्कर सिंह धामी को लेकर दिया.

दरअसल, हरक सिंह रावत रुद्रप्रयाग में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के चुनाव-प्रचार के लिए पहुंचे थे. अगस्त्यमुनि में हरक सिंह रावत ने जनसभा को भी सम्बोधित किया था. इस दौरान पत्रकारों ने उनके खिलाफ चल रही ईडी जांच को लेकर सवाल किया, जिसका हरक सिंह रावत ने बड़ा मजेदार जवाब दिया. साथ ही उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी पर तंज कसा.

मैं 27 साल के उम्र में मंत्री बन गया था. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को छोड़कर कोई ऐसा नेता, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री नहीं है, जो हरक सिंह के दरवाजे पर खड़ा ना हुआ हो. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रात को दो-दो बजे तक उनके घर के बाहर खड़े रहे हैं.

वहीं, ईडी जांच को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि

मेरे निमंत्रण पर ईडी वाले उनके घर आए थे. उस समय मैंने कहा कि हुजूर, बड़ी देर कर दी तुमने आते-आते. मैं तो छह महीने से इंतजार कर रहा था. मैंने यहां कोई सामान थोड़ी रखा है. उसको तो पहले ही रफा-दफा कर दिया गया है.

हरक सिंह ने आगे कहा कि

ईडी वालों ने सवाल किया कि सामान कहां रखा है? मैंने कहा, ढूंढो, तुम्हारा काम है ढूंढ़ना.

उन्होंने जांच एजेंसी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि ईडी वालों को ढूंढना चाहिए. हम क्यों बताने जाएं? हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को लेकर भी टिप्पणी की. मीडिया के धाकड़ धामी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह मेरा छोटा भाई है. उसके बारे में मत पूछो. वह रात दो-दो बजे तक हमारे दरवाजे पर खड़ा रहता था. मैं सच बता रहा हूं.

केदारनाथ सीट पर टिकट न मिलने पर उन्होंने कहा कि वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं. केदारनाथ विधानसभा सीट से उनकी कोई दावेदारी नहीं है. कांग्रेस की पदयात्रा के समय वे केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में आए थे और कुछ शुभचिंतकों ने इसे दावेदारी का नाम दे दिया था.

उन्होंने कहा कि राजनीति में चर्चे, पर्चे और खर्चे होते रहने चाहिए. साल 1990 से वे केदारघाटी की जनता के साथ जुड़े हुए हैं. यहां आई प्राकृतिक आपदाओं के समय वे प्रभावित जनता के साथ हर कदम पर खड़े रहे हैं. हरक ने दावा किया कि आगामी केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव में केदारघाटी की जनता कांग्रेस प्रत्याशी पर भरोसा जताकर विजयी बनाएगी.

हालांकि ये भी सच हैं कि इन बयानों ने ही तो हरक सिंह की राजनीति का भट्टा बैठाया है, ,ED और CBI जाँच हो रही कोई स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के लिए थोड़े हो रही हैं

पहले जेनी कांड मे हुई थी और फिर भ्रष्टाचार के आरोप मे CBI और ED जाँच हो रही है

साफ हैं जिस गर्व से हरक सिंह रावत जाँच की बात कर रहें हैं ये आप जैसे नेता के लिए गर्व की बात हो सकती है कोई और होता तो बेचारा घर से बाहर ना निकलता, और वक्त बदलते देर नहीं लगती विधायक धामी की बात कह रहें है कि 2 बजे तक दरवाजे के बाहर खड़ा रहता था, आज वो ही प्रदेश के मुख्यमंत्री है और वो चाहे तो जो मिलने जाए उसे कई घंटे इंतजार कराए चाहे हरक सिंह रावत ही क्यों ना हो , वो सीएम बन गए और रावत जी आज चुनावी राजनीति से बाहर है, बड़े बोल नहीं बोलने चाहिए जिस गढ़वाल मे हरक सिंह की तुती बोलती थी वहा गणेश गोदियाल का डंका है इसलिए मेरी सलाह है बेवजह के बयानों से बचें