रुद्रपुर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। मोदी ने जो छह बड़े वायदे देशवासियों से किए थे, उनमें से एक भी वायदा उन्होंने पूरा नहीं किया। कहा कि किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं पर प्रदेश सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है। सरकार मृतक किसानों के परिजनों को आर्थिक सहायता देना तो दूर ऐसे किसानों के परिजनों के दुख को साझा करने भी सरकार के प्रतिनिधि नहीं जा रहे हैं।
रावत पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के आत्महत्या के मामले में सरकार गंभीर नहीं है। हाल में ही सितारगंज में मुख्त्यार सिंह ने आत्महत्या की। वहीं धारी में एक किसान ने आत्महत्या की। कहा कि यह आत्महत्याएं ऐसे जिलों में की जा रही हैं जहां से हरितक्रांति की शुरूवात हुई। जहां की खेती को अन्य स्थानों पर अपनाने की सलाह दी जाती है। कहा कि किसानों की आत्महत्या प्रदेश सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चिंता का विषय होना चाहिए। त्रिवेंद्र सरकार ने अपराधी स्तर तक की उदासीनता की है। संवेदनहीनता की सारी सीमाएं सरकार लांघ गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिस षडयंत्र पूर्ण तरीके से निकाय चुनाव को टालने की कोशिश कर रही है वह गलत है। जानबूझ कर कोर्ट में कमजोर तथ्य रखे जा रहे हैं ताकि सरकार हार जाए। भाजपा सरकार इस हार में जीत देख रही है। कहा कि केंद्र सरकार को इसे संज्ञान लेना चाहिए। रावत ने कहा कि यदि इसी तरह चुनाव टाले जाते रहे तो संविधान संशोधन अर्थ विहीन हो जाएगा। वह अन्य राजनीतिक दलों से भी इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि थराली में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होगी, क्योंकि त्रिवेंद्र सरकार ने वहां कोई विकास कार्य नहीं किया है। हरिद्वार में अलखनंदा होटल पहले ही मिल चुका था, लेकिन राज्य सरकार ने होटल से चार गुना महंगी जमीन उत्तर प्रदेश सरकार को दी है। कहा कि योगी आदित्य नाथ यदि जन्म स्थलीय राज्य के लिए यही संपत्ति का बंटवारा करते हैं तो उन्हें मंजूर नहीं है। वह इससे नाखुश हैं। कहा कि सरकार ने सवा साल में उत्तराखंड में कोई कार्य नहीं किया। दिल्ली की सरकार ने चार साल में काम नहीं किया। मोदी ने चुनाव से पहले जो छह बड़े वायदे जनता से किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं किया। प्रदेश सरकार के मंत्री भी कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं। पत्रकार वार्ता में तिलकराज बेहड़, हिमांशु गाबा, जगदीश तनेजा, हरभजन सिंह विर्क, संजय जुनाजा आदि मौजूद थे।