चिन्यालीसौड़। सरकार की मशीनरी की सुस्ती के कारण पहाड़ के बुजुर्ग महिलाओं को कई चक्कर जिला मुख्यालय के काटने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के सुदूरवर्ती गांव श्रीकोट बबाणंती का आया है । 82साल की बुजुर्ग महिला का एक से विधवा पेंशन न मिलने से जिला मुख्यालय और समाज कल्याण के चक्कर काटने पड रहे है। महिला अनुसूचित जाति से है। महिला की कोई संतान भी नही है लेकिन दो दशक पहले पति के गुजरने के बाद एक साल से सिस्टम की उदाशीनता के कारण बुजुर्ग महिला के सामने परेसानी का सामना करना पड़ रहा है।
आप बीती—
साहब दो दशक पहले पति का निधन हो गया था, तबआगे पीछे जीवन का सहारा छीन गया। बुढ़ापा कैसे गुजरेगा, इसके लिए समाजकल्याण विभाग से विधवा पेंशन लगी थी। जब तक पेंशन मिल रही थी, तब तक गुजर
बसर ठीकठाक चल रहा था, लेकिन एक वर्ष से समाज कल्याण विभाग ने वह सहारा
भी छीन लिया है। अब पेंशन की उम्मीद में बुढ़ापा ढल रहा है। ऐसे में बहुत परेशानी हो रही है। यह कहना है चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के ग्राम बमणती निवासीनकटी देवी का।
कलेक्ट्रेट पहुंची नकटी देवी पत्नी स्व. बगोलियालाल ने बताया
कि दो दशक पहले उनके पति का देहांत हो गया था। उनकी कोई संतान नहीं है।
गुजर बसर करने के लिए समाज कल्याण विभाग से उनकी एसबीआइ चिन्यालीसौड़ में
विधवा पेंशन आती थी। इसी पेंशन के सहारे अपना जीवन यापन कर रही थी। लेकिन
वर्ष 2017 से वह पेंशन भी बंद हो गई। पेंशन क्यों बंद हुई इसको जानने केलिए कईबार विभागों के चक्कर काट चुकी हूं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान
नहीं हुआ है। पैसा नहीं होने से गुजर बसर करने में परेशानी हो रही है।गांव में आसपास पड़ोसियों से उधार मांगकर अपनी जिंदगी जी रही हूं। 82 की
उम्र में विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सुना है कि जिलाधिकारीसाहब सबकी समस्या का समाधान कर रहे हैं, तो इसी उम्मीद पर गांव से 60
किमी दूर बबाणंती कलेक्ट्रेट आयी हूं, शायद रुकी हुई पेंशन दुबारा शुरू हो जाय।
वंही ग्रामीण जनप्रतिनिधि भी इस मामले में एसडीएम जिलाधिकारी और समाज कल्याण को अवगत कराने की बात कह रहे है।
जिलाधिकारी डा. आशीष चैहान ने बताया कि समाज कल्याण अधिकारियों की धीमी गति से कार्य को लेकर वो पहले ही सभी एसडीओ समाज कल्याण के वेतन पर रोक लगाई हुई है।इस मामले को लेकर भी जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी सौरभ असवाल को निर्देशित कर दिया है। जल्द ही बुर्जुग कीसमस्या का समाधान होगा।विभाग की लापरवाही पहाड़ की बुजुर्ग महिलाओं पर किस कदर भारी पड़ रही है । सरकार को जरूरत है तो ठोस कार्यवाही की।

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