जोशीमठ में जूता सिलाई का काम करने वाला सिकंदर एक गरीब परिवार से है लेकिन आस्था के नाम पर अगर भगवान नारायण का कोई परम भक्त है तो वह है सिकंदर।
सिकंदर आज 50 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं लेकिन भगवान के प्रति उनकी आस्था इस प्रकार देखी जाती है कि जब भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलते हैं या बंद होते हैं तब सिकंदर जोशीमठ से मीलों पैदल चल कर भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करते हैं यही नहीं सिकंदर नंगे पांव पैदल चलकर हर बार भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने पहुंचते हैं
जोशीमठ में स्थित शीतकालीन गति स्थल पर भी सिकंदर हर दिन भगवान नरसिंह के और भगवान नारायण के दर्शन करते हैं हम यह इसलिए बता रहे हैं कि जहां एक और हिंदू धर्म में भगवान के प्रति लोगों की आस्था केवल एक आडंबर के रूप में ही अधिकांश देखी जा रही है वही सिकंदर की भगवान के प्रति आस्था और भक्ति हर नारायण भक्तों के लिए एक उदाहरण के रूप में सामने आती है भगवान ना तो अमीरी देखता है और ना गरीबी उसे केवल भक्ति और भाव की आवश्यकता होती है ।
बद्रीनाथ टैक्सी स्टैंड पर खुले आसमान के नीचे मोची का काम करने वाले सिकंदर की बातें सुनकर भगवान नारायण के प्रति मन में और आस्था और विश्वास बढ़ता है
वही जब राम मंदिर के मामले में सिकंदर से बात की गई तो उनका कहना है कि देश के नेता नहीं चाहते हैं कि राम मंदिर बने क्योंकि हर एक अमीर_ गरीब हिंदू ,मुसलमान, सिक्ख, इसाई हर कोई भगवान राम के मंदिर को देखना चाहता है लेकिन देश की सरकार नहीं चाहती है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने इसलिए हर बार इस मामले को टाल दिया जाता है सिकंदर की बात से पता चलता है कि आज भी हर किसी के दिल में भगवान राम के प्रति लोगों में अटूट आस्था भरी पड़ी है।
देखना यह होगा कि जब देश का हर एक व्यक्ति राम मंदिर चाहता है तो हमारे देश की सरकार है इस और क्या फैसला लेती है और न्यायालय अपना क्या फैसला देता है

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