नरसिंह मंदिर में आयोजित दो दिवसीय फुल कोठ मेले का रविवार को आगाज हो गया रविवार को गांव के दो फुलारी ब्रह्म कमल लेने के लिए उच्च हिमालई क्षेत्रों के लिए रवाना हुए जहां से रिगाल की बनी हुई कंडी में ब्रह्म कमल लेकर दोनों फुलारी सोमवार को देर शाम नरसिंह मंदिर के चंडिका मां के मंदिर में पहुंचे। जहां पर चंडिका माता का ब्रह्म कमल से श्रृंगार किया गया कोरोना संक्रमण के चलते इस बार चंडिका माता का मेला सूक्ष्म रूप से मनाया जा रहा है पूरे जोशीमठ क्षेत्र के हक हकूकग धारी घी के दिए जलाते थे लेकिन इस बार केवल सीमित मात्रा में ही घी के दिए जलाए गए हैं कोरोना संक्रमण के चलते मेले में फिजिकल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया है मान्यता है कि क्षेत्र की समृद्धि ,खुशहाली के लिए हर वर्ष चंडिका माता के मंदिर में फूल कोट मेला बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है हालांकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण है लेकिन नरसिंह मंदिर की देव पूजा समिति ने परंपरा को जीवित रखने के लिए सूक्ष्म रूप से ही फुल कोट उत्सव मनाया

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