क्षुब्ध काष्तकारों के ट्रैक्टर से केले की तैयार फसल जोतने का मामला

रिपोर्टर दीपक भारद्वाज सितारगंज
सितारगंज। सरकार की योजना के तहत केले की फसल बोकर घाटे में रहने वाले किसानों के मामले में राजनीतिक दलों के लोग उनके पक्ष में आने षुरू हो गये हैं। पूर्व विधायक नारायण पाल व अन्य ने मंगलवार को समर्थकों के साथ किसानों के खेत में सांकेतिक उपवास रखने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि चार दिन पूर्व किसानों ने केले का उचित मूल्य न मिलने पर ट्रैक्टर से फसल को जोत दिया था।
बता दें कि ग्राम खुनसरा के काष्तकार राजेष कुमार, षेर सिंह व रमेष कुमार को उनकी करीब चार एकड़ भूमि के लिए केले की खेती को जून 2019 में उद्यान विभाग ने पौंध मुहैया कराई। इस पर काष्तकारों ने चार एकड़ भूमि पर मनरेगा से मिली मजदूरी से केले की पौंध लगा दी। पौंध लगाने के बाद खेत की जुताई, खाद व उर्वरकों का खर्च किसानों ने खुद उठाया। इन पर बीस माह के दौरान उनके तीन से साढ़े तीन लाख रुपये खर्च हो गये। जब फसल तैयार हुई तो खरीददारों की खोज षुरू की गई। कई दिन लगाने के बाद भी किसानों को केले के दो रुपये प्रति किलोग्राम के खरीददार नहीं मिले। पता चला कि इस रेट पर तो केले की फसल तैयार होने तक लगी लागत का आधा भी प्राप्त नहीं होगा।
काफी कोषिषों के बाद भी जब रेट नहीं मिला तो क्षुब्ध किसानों ने खेत में खड़ी केले की फसल को ट्रैक्टर से जोत दिया। यह मामला समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक मीडिया की सुर्खियां बना तो राजनीतिक दलों से जुड़े लोग किसानों के पक्ष में आने लगे हैं। पूर्व विधायक नारायण पाल ने मंगलवार को दिन में एक से तीन बजे तक किसानों के खेत पर उपवास का ऐलान किया हैं। उनके साथ भाकियू के ब्लाक अध्यक्ष गुरसाहब सिंह गिल आदि भी बैठेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here