स्थान। सितारगंज।
रिपोट। दीपक भारद्वाज
सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल ने सरकार द्वारा लिए 2 दिन के लॉकडाउन को गरीबो के रोजगार बंद करना बताया। पूर्व विधायक नारायण पाल ने महाराणा प्रताप चौक स्थित शराब की दुकान पर पहुंच शांतिपूर्वक विरोध जताया। उन्होंने कहा कि शराब की दुकान खुली है लेकिन चाय,ठेले व नमकीन जैसी छोटी दुकाने सिर्फ लॉक डाऊन की वजह से बंद है। प्रदेश के अंदर औद्योगिक इकाइयों में फैक्ट्रियां खुली है वर्कर काम कर रहे हैं शराब की दुकान ऐर्फ इसलिए खुली है कि सरकार को मोटा राजस्व मिल रहा है लेकिन गरीब अपना ठेला नहीं लगा सकता। सरकार गरीब फड़ वाले मजदूर इन लोगों के बारे में क्या सोचती है। इनकी रोजी रोटी कैसे चलेगी बड़ी मुश्किल से व्यवस्था पटरी पर आ रही थी इस बीच नकल करके सरकार दूसरी जगह से देखकर लॉक डाउन कर रही है जबकि कोरोना वायरस के टेस्ट बढ़ाने की आवश्यकता है, उनहोने कहा की शक्तिफार्म में 100 के लगभग लोगों के सैंपल लिए गए हैं 6 दिन होने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन उनके गांव और मोहल्ले को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और घर के बाहर कोविड-19 का पोस्टर लगा दिया गया है। पूर्व विधायक ने कहा कि मेरे द्वारा पहले भी आवाज उठाई गई है कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यक्रतियो को पूर्णा बचाव के लिए किट देनी चाहिए लेकिन नहीं दी गई और आज 6 आशा कार्यकर्ता पॉजिटिव पाई गई है। उन्होंने सरकार के इस फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि उन्हें चिंता है कि औद्योगिक इकाइयों में भी कोरोनावायरस फैलने की आशंका बनी हुई है।