रामनगर तराई पश्चिमी का फाटो ईको टूरिज्म जोन सैलानियों का सबसे पसंदीदा जगह बन गया है। इस जोन में वन्यजीवों और प्रकृति को करीब से जानने के लिए सैलानियों का हुजूम उमड़ रहा है। जिससे वन विभाग की जमकर कमाई हो रही है। अभी तक वन विभाग पिछले 2 सालों में इस जोन से 2करोड़ 55 लाख से ज्यादा की कमाई कर चुका है उसके साथ ही इस जोन से जुड़े जिप्सी चालक,नेचर गाइड,जिप्सी मालिक,स्वयं सहायता महिला समूह आदि सभी ने भी 16 करोड़ से ज्यादा की कमाई इन दो सालों में की है।
-बता दें कि रामनगर तराई पश्चिमी का फाटो ईको टूरिज्म जो सैलानियों का सबसे पसंदीदा जगह बन गया है। अब पर्यटक यहां सफारी ही नही नाईट स्टे का भी लुप्त उठा रहे है।इस जोन में वन्यजीवों और प्रकृति को करीब से जानने के लिए सैलानियों का हुजूम उमड़ रहा है। जिससे वन विभाग की जमकर कमाई हो रही है।
अभी तक वन विभाग सैलानियों से 2करोड़ 55 रुपए कमा चुका है।
तराई पश्चिमी के फाटो ईको टूरिज्म जोन को जैव विविधता के लिहाज से खजाना माना जाता है। जहां कई प्रकार की वनस्पतियां और जीव जंतु मौजूद हैं। यही वजह है कि फाटो पर्यटन जोन पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है। इन दिनों यह जोन सैलानियों से गुलजार है.सैलानी करीब से वन्यजीवों को निहार रहे हैं।
सैलानियों का उत्साह का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं,2 वर्ष इस जोन को खुले हुए हो गए है और अब तक 2.5लाख से भी ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके है,जिससे वन विभाग को 2.55 करोड़ का राजस्व मिला है। ईको टूरिज्म जोन की शुरुआत जनवरी 2022 से हुई थी। इस जोन में 50 जिप्सियां सुबह और 50 जिप्सियां शाम की पाली में सैलानियों को सफारी पर लेकर जाती हैं,इस जोन में 50 गाइड की भर्तियां भी की गई है।
ये 50 गाइड सैलानियों को जंगल और वन्यजीवों से रूबरू करवाते हैं। वही जानकारी देते हुए तराई पश्चिम के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि इस जोन से ढाई करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है ,वही अब वह राजस्व को एक सिस्टम का प्रयोग करते हुए उन पैसों से 17 हट्स और बनाये जा रहे है ,जिनमे प्रयटक रात्रि विश्राम का आनंद उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पर्यटकों के नाइट स्टे के लिए एक ट्री हाउस के साथ ही दो अन्य कमरे मौजूद है और इस वर्ष के अंतिम तक 17 कक्ष तैयार हो जाएंगे।