प्रशासन की हीलाहवाली के चलते समय से बेहतर उपचार नहीं मिलने इसलिए हुई मौत
देहरादून। उत्तराखंड की मशहूर लोक गायिका कबूतरी देवी का प्रशासन की हीलाहवाली के चलते समय से बेहतर उपचार नहीं मिलने से आज सुबह निधन हो गया। उनका इलाज पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल में चल रहा था जहां उनकी बिगड़ती हालत को देखकर डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर किया था। लेकिन हेलीकॉप्टर के न पहुंच पाने के कारण वह इलाज के लिए देहरादून हायर सेंटर नहीं जा पाई। इस दौरान उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें वापस जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उन्होंने अन्तिम सांस ली। शासन के शर्मनाक रवैये के कारण उत्तराखंड ने एक अनोखा हीरा खो दिया। जिससे उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।
बता दे की पिथौरागढ़ जिले के क्वीतड़ गांव की रहने वाली कबूतरी देवी प्रदेश की जानी मानी लोक गायिका थीं। गायन की कई विधाओं में माहिर लोक गायिका राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन देश भर में कर चुकी हैं।लोकगायिका कबूतरी देवी का स्वास्थ शुक्रवार को अचानक खराब हो गया। परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय लाए। जहां चिकत्स्कों ने उनकी जांच के बाद बताया कि कबूतरी देवी का ब्लड प्रेशर कम है और उनका हॉर्ट कमजोर हो रहा है। उपचार के बाद हालत में हल्का सुधार होने के बाद उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था। परिजन उन्हें हेलीकॉप्टर से देहरादून ले जाने का प्रयास कर रहे थे। शक्रवार सायं उन्हें हैलीकॉप्टर से देहरादून ले जाना था। शाम को हैलीकॉप्टर नही आया।
जिसके बाद देहरादून ले जाने के लिए शनिवार सुबह छह बजे कबूतरी देवी को जिला अस्पताल से चार किमी दूर नैनीसैनी हवाई पट्टी पहुंचाया गया। जहां पर लगभग तीन घंटे प्रतीक्षा करने के बाद भी हेलीकॉप्टर नही पहुंचा। इस बीच कबूतरी देवी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें वापस जिला अस्पताल लाया गया। जहां आईसीयू में रखा गया। बाद में चिकित्सको ने उनका परीक्षण करने के बाद मृत घोषित कर दिया।और शासन के लापरवाही और शर्मनाक रवैय्ये के कारण उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई। बता दें कि कबूतरी देवी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। क्षेत्र में शोक की की लहर है। परिजन रो रो कर शासन की लापरवाही को दोष दे रहे है। यही कह रहे है यदि समय से स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो जाती तो आज उन्हें इतना बड़ा सदमा न मिलता।