आंगनबाडी कंेन्द्रों से लाभार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं की अब आईसीडीएस-केस (कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर) के माध्यम से आॅन लाइन रिपोर्टिंग होगी। इसके लिए आंगनबाडी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन दिए जाएगें। सोमवार को जिला पंचायत सभागार में जिले में चयनित महिला पर्यवेक्षिकाओं और सेविकाओं को मोबाइल में काॅमन एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर पर आॅनलाइन रिपोर्टिंग का प्रशिक्षण दिया गया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने स्वयं आंगनबाडी कार्यत्रियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण कार्यो जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मास्टर ट्रेनर आशा ध्यानी एवं सपना भट्ट ने आंगनबाडी कायकत्रियों को मोबाइल एप केस पर कार्य करने का प्रशिक्षण दिया।
डीपीओ हरीश आर्या एवं सीडीपीओ शौएब हुसैन ने बताया कि इस एप्लीकेशन से आंगनवाड़ी सहायिका तकनीकी रूप से सक्षम हो पाएंगी। इस एप्लिकेशन को मोबाइल में डालने के बाद सहायिका को रजिस्टर संभालने से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ में इससे आईसीडीएस की अन्य गतिविधियों की मॉनीटरिंग में भी आसानी हो जाएगी। यह एप्लिकेशन हमेशा अपडेट रहेगा, जिससे कार्यक्रम कार्यान्वयन में विशेष मदद मिलेगी। आंगनबाडी में टीएचआर, गर्भवती, टीकाकरण आदि 11 रजिस्टरों में से 10 रजिस्टर ऑनलाइन होने से आंगनवाड़ी सेविकाओं को सेवा प्रदायगी पर अधिक ध्यान देने के लिए अतिरिक्त समय भी मिल पाएगा। उन्होंने बताया कि जिन सेविकाओं को आज प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उनके माध्यम से जिले की सभी आंगनबाडी कार्यत्रियों को प्रशिक्षत किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान जिले की चयनित सभी सेविकाएं उपस्थित थी।