जोशीमठ के रवि थपलियाल पैनखण्डी जो कि लगातार अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं के प्रचार एवं प्रसार के लिये जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। जब से कोरोना के चलते लाकडाउन हुवा है तब से निरन्तर ही अपने फेसबुक पेज *जोशीमठ तपोवन देवभूमि* के माध्यम संस्कृति के प्रचार एवं प्रसार हेतु 100 से अधिक लोककलाकारों, लोकगायकों, संस्कृति कर्मियों, लोक कवि/कवियित्री योगाचार्यों व स्वरोजगार के माद्यम से प्रदेश के रॉल मॉडल बने कुछ युवा को लाइव के माध्यम से सामने ला चुके हैं एवं बहुत सारे नई प्रतिभाओं को भी मंच प्रदान कर चुके हैं। रवि थपलियाल ‘पैनखण्डी’ स्वयं भी एक उम्दा कलाकार हैं एवं बहुत अच्छे भजन गायक हैं। उनका मानना है कि संस्कृति और परम्पराएं केवल कहने मात्र से नही बचेगी बल्कि उसके लिये हमको प्रयास करने होंगे समाज मे एक सन्देश देना होगा एक पहल करनी होगी। अभी हमको यह सुनहरा अवसर सोशल मीडिया के माद्यम से मिला है तो हम इसको भी एक अवसर एवं संशाधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं जोकि हम निरन्तर 3 से 4 महीने से कर रहे हैं। रवि थपलियाल ‘पैनखण्डी’ के फेसबुक पेज *जोशीमठ तपोवन देवभूमि* इस समय बहुत अच्छा कार्य कर रहा है।

रवि थपलियाल ‘पैनखण्डी’ ने न्यूज.. के माध्यम से अपने सारे उन शुभचिंतकों एवं मित्रों का भी धन्यवाद किया है जिन्होंने इस कठिन कार्य हेतु उनका सहयोग किया। साथ ही उन सभी लोक कलाकारों, लोकगायकों, संस्कृति कर्मियों लोक कवि/ कवियित्रियों एवं योगाचार्यों का भी बहुत बहुत आभार ब्यक्त किया जो इस पेज पर आए एवं समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास किया। इस अवसर पर उन्होंने ओमप्रकाश डोभाल, संदीप नौटियाल, ललित थपलियाल ,मनमोहन बिष्ट, आशीष थपलियाल पवन थपलियाल,मुकेश नौटियाल एवं अरविंद थपलियाल का भी आभार ब्यक्त किया जो इस कार्य मे निरन्तर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

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