देहरादून:
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा वाहनों के अधिग्रहण और राजनीतिक दलों के वाहनों को बुक करा लेने से राज्य में परिवहन सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। अब तक 12 हजार 342 बस, टैक्सी, जीप आदि वाहनों को अधिग्रहित किया जा चुका है। इस वजह से राज्य के ज्यादातर रूट पर बस, टैक्सी, मैक्सी और जीप की भारी किल्लत है। इसकी वजह से दिल्ली सहित कई रूटों पर यात्रियों को परेशानी हो रही है।
लोगों की यातायात सेवाओं के लिए मुश्किलें बढ़ गईं। कई स्थानों पर जरूरतमंदों को बस न मिलने पर महंगे किराए पर टैक्सी-जीप बुक कराकर अपने गंतव्यों को जाना पड़ रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने शुक्रवार को वाहनों के अधिग्रहण और यात्री सुविधाओं की पड़ताल की तो यह तस्वीर सामने आई…
बस, टैक्सी-मैक्सी के चुनाव में चले जाने से यात्रियों की मुसीबत बढ़ने लगी है। दून से पहाड़ के दस ज्यादा रूटों पर रोडवेज की दैनिक बस सेवाएं ठप हो गई हैं। दिल्ली, हल्द्वानी के साथ ही लोकल रूटों पर बसों की किल्लत होने लगी हैं। देहरादून में पोलिंग पार्टियों के लिए परिवहन विभाग ने 2400 से ज्यादा वाहनों का अधिग्रहण किया हुआ है। मसूरी बस अड्डे, आईएसबीटी और रिस्पना टैक्सी स्टैंड में वाहन के लिए यात्रियों को भटकना पड़ रहा है।
चुनाव के लिए रुड़की में 185 टैक्सी वाहनों का अधिग्रहण किया गया है। रुड़की रोडवेज डिपो की 22 बसों का भी अधिग्रहण किया गया है। दिल्ली रूट से लोकल रूट के यात्रियों को बसों के लिए तीन से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सुदेश तोमर, मनोज गुसाईं ने बताया कि तीन घंटे तक बस नहीं मिलने पर 4500 रुपये में दिल्ली के लिए कार बुक की। वाहन मालिकों ने किराया नहीं बढ़ाया है।
लंबगांव रूट पर रविवार से तीन दिन बस सेवाएं ठप रहेंगी। 12 फरवरी शाम से बसें चुनाव ड्यूटी पर भेज दी जायेंगी। एआरटीओ ऋषिकेश अरविन्द पाण्डेय ने बताया कि ऋषिकेश से चार सौ सत्तर छोटी-बड़ी गाड़ियां अधिगृहीत की गई हैं। पहले चरण में 350 गाड़ियां चुनाव ड्यूटी में भेजी जाएंगी। जबकि, शेष गाड़ियों को जरूरत पड़ने पर भेजा जायेगा। बताया कि कुछ मालिकों ने गाड़ियां नहीं भेजी हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
चुनाव के लिए जिले में 626 वाहनों को ड़यूटी पर लगाया गया है। वाहनों की चुनावी ड्यूटी के बाद आमजन थोड़ा परेशान जरूर है। ग्रामीण गंगाराम, अरविंद आदि का कहना है कि लोकल रूटों पर गाड़ियां तो मिल रही है, लेकिन पहले से कम है।
टिहरी में 782 वाहनों का अधिग्रहण किया गया है। वाहनों के न होने से लोगों को घंटों वाहनों का इंतजार करना पड़ रहा है। यात्री बर्फू लाल ने बताया कि उन्हें पौखाल जाना है,लेकिन 12 बजे वाली बस सेवा नहीं आई है, वह दूसरी बस का इंतजार कर रहे हैं। बड़कोट जाने वाली सिमरन ने बताया कि वह बीते दो घंटें से बस का इंतजार कर रही है, लेकिन उन्हें अभी तक बड़कोट जाने वाले बस नहीं पाई है। टीजीएमओ प्रभारी विजय सिंह नेगी ने बताया कि चुनाव ड्यूटी के लिये बसों का अधिग्रहण किये जाने से कई रुटों की बस सेवायें कमी आई है।
पौड़ी में 1010 बस, ट्रक और हल्के वाहन अधिग्रहित किए जा चुके हैं। नतीजतन ग्रामीण इलाकों में आवाजाही को लेकर कुछ दिक्कतें हो रही है। थलीसैंण के विजेंद्र ने बताया है कि छोटे वाहन पार्टियों के प्रचार में भी पहले से लगे हैं। पौड़ी टैक्सी-मैक्सी यूनियन के संरक्षक कोतवाल सिंह ने बताया कि आधे से अधिक वाहन चुनाव ड्यूटी और प्रचार में व्यस्त हैं।
चुनाव ड्यूटी के चमोली में 85 बस 547 मैक्स वाहन का इस्तेमाल होगा। इनके अलावा लगभग 200 वाहन भी चुनाव ड्यूटी में लगेंगे । 119 मैक्स वाहन,15 बस और मोटर साइकिल रिजर्व में रखे गये हैं। इस तादात में वाहनों के अधिग्रहण से विभिन्न रूटों पर सार्वजनिक सेवा के वाहनों की कमी हो गई है।
हरिद्वार में 1974 वाहनों के अधिग्रहण की वजह से दिल्ली, पंजाब, गाजियाबाद, मेरठ, देहरादून, उत्तरकाशी, जोशीमठ आदि रूटों पर बस व छोटे वाहनों की कमी हो गई है। यात्री हरी प्रसाद व गिरीश दत्त का कहना है कि मेरठ जाने के लिए दो घंटे से बस अड्डे में खड़े बस की इंतजार कर रहे है। यूपी और उत्तराखंड में चुनाव होने के कारण बसें बहुत कम आ रही है।
रुद्रप्रयाग की दोनों विस क्षेत्र से परिवहन विभाग द्वारा चुनाव ड्यूटी के लिए 600 छोटे-बड़े वाहन अधिकृत किए गए हैं। इस दौरान वाहनों के उपलब्ध न होने से लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है। छोटे स्टेशनों पर लोगों को वाहन उपलब्ध नहीं होने से लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों से पैदल आना पड़ रहा है। जबकि शहरी क्षेत्रों में भी वाहनों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। टैक्सी यूनियन के पूर्व सचिव अजीत राणा ने बताया वाहनों के अधिगरण से लोगों को दिक्कत है।