जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की मासिक बैठक शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में हुई। जिसमें सभी बैकर्स को सरकार की ओर से प्रायोजित ऋण योजनाओं के अन्तर्गत समिति से स्वीकृत ऋण प्रस्तावों पर शीघ्र ऋण आवंटन करने के सख्त निर्देश दिए गए। साथ ही ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के लिए बैकर्स को विशेष कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया गया।
जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों द्वारा संचालित हो रही जन कल्याणकारी योजनाओं की बैकर्स और विभागीय अधिकारियों के साथ गहनता से समीक्षा की। उन्होंने बैंको में लंबित ऋण आवेदनों और बिना ठोस कारण बताए आवेदनों को निरस्त करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बैकर्स को जमकर फटकार लगाई। जिलाधिकारी ने बैकर्स को निर्देश दिए कि बिना किसी ठोस कारण के कोई भी आवेदन निरस्त न किए जाए और किसी भी आवेदन को निरस्त करने से पहले संबधित विभागों से अवश्य संपर्क करें। उचित कारण न पाए जाने पर संबधित बैंक शाखा प्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। समीक्षा बैठक में इंडियन ओबर्सिस बैंक, आईसीआईसीआई तथा नैनीताल बैंक से कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित न रहने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी सरकारी विभागों को इन बैंकों से तत्काल अपने खाते हटाने के निर्देश दिए। इस दौरान ग्रामीण और शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सजृन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, पर्यटन स्वरोजगार योजनाओं, केसीसी एवं सीडी रेश्यों की गहनता से समीक्षा की।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैंकों को 900 आवेदन भेजे गए थे जिसमें से बैंकों ने 410 आवेदन स्वीकृत हुए और 395 आवेदन विभिन्न बैंकों में लंबित है। एनयूएलएम के तहत बैंको को 115 आवेदन भेजे गए थे जिसमें से 56 लंबित है। ऐसे ही पीएमईजीपी के तहत बैकों को 352 आवेदनों में से 138, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 329 आवेदनों में से 108 आवेदन लंबित चल रहे है। एससीपी के तहत 38 आवेदनों में से 23, वीरचन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के वाहन मद में 13 आवेदन में से 6 तथा गैर वाहन मद में 14 आवेदन में से 8 लंबित चल रहे है। जिस पर जिलाधिकारी ने सभी बैंकों को फटकार लगाते हुए लंबित आवेदनों का तत्काल निस्तारण करते हुए ऋण आवंटित करने के निर्देश सभी बैंकों को दिए।
जिलाधिकारी ने बैकों के ऋण जमा अनुपात की धीमी प्रगति पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि आरबीआई ने बैंको का न्यूनतम सीडी रेश्यों का मानक 40 प्रतिशत निर्धारित किया है। जिले के 18 बैंको में से 15 बैंको का सीडी रेश्यों 40 प्रतिशत से कम है, जो कि निराशाजनक है। उन्होंने बैंकर्स और विभागीय अधिकारियों को तालमेल बनाकर ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि सरकार की जो भी योजनाएं किसानों, गरीब जनता के लिए लागू हैं उनका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए बैंक और विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना सुनिश्चित करें।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बैंकों को कृषि, लद्यु उद्योग, सेवा व्यवसाय आदि प्राथमिक सैक्टर में अधिक से अधिक ऋण आवंटन कराने पर जोर दिया। कहा कि बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए जो लक्ष्य दिया गया है उसको हासिल कर ऋण वितरण सुनिश्चित करें।
लीड बैंक प्रबन्धक प्रताप सिंह राणा ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त के सापेक्ष सितंबर में जिले का सीडी रेश्यों में 0.13 प्रतिशत बढा है। सितंबर माह में पूरे जिले में सभी बैंकों का सीडी रेश्यों 25.62 प्रतिशत रहा। ऋण योजना के तहत सितंबर तक प्राथमिक क्षेत्र में 20.08 प्रतिशत तथा गैर प्राथमिक क्षेत्र में 158.83 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे, एलडीएम पीएस राणा, डीडीओ सुमन बिष्ट, बैंकों के शाखा प्रबन्धक सहित सभी रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
वही दूसरी ओर मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में बैकर्स को जानकारी दी। बताया कि राज्य में रबी फसल गेंहू को पीएम फसल बीमा किया जाना है। राज्य सरकार ने इसके क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आॅफ इंडिया लिमिडेट को अधिकृत किया है। ऋणी एवं गैर ऋणी कृषकों के लिए बीमा राशि प्रति हेक्टेयर संसूचित फसल के ऋण वित्तमान के अनुसार होगी। उन्होंने सभी बैंकों को जनपद में अधिक से अधिक किसानों के केसीसी बनाने के निदेश दिए।