जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुधवार को जोशीमठ तहसील, उप कोषागार एवं ब्लाक कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। तहसील जोशीमठ मे विभिन्न पटलो, कार्यालय अभिलेखों की जांच करते हुए जिलाधिकारी ने एसडीएम एवं तहसीलदार कोर्ट मे लंबित राजस्व एवं क्रिमिनल वादो का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट मे वादो पर बहस के लिए दो बार बुलाने पर भी वादी उपस्थित नही होता है तो एक अंतिम अवसर देकर वादो को खतम किया जाए। तहसील में शिकायत रजिस्टर की जांच मे 17 शिकायते लंबित पायी गई। जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को हर हप्ते शिकायतों की समीक्षा करते हुए लंबित शिकायतों का निस्तारण करने के निर्देश दिए। तहसील स्तर पर आपदा मे क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का विवरण रखने के लिए रजिस्टर बनाने को कहा। इस दौरान जिलाधिकारी ने पटवारी चैकियों के बारे भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त पटवारी चैकियों की मरम्मत के लिए शीघ्र प्रस्ताव दे। सीएम राहत कोष के तहत 6 लोगो को चैक धनराशि वितरण न किए जाने पर तहसीलदार ने बताया कि लाभार्थियों के नाम गलत होने के कारण चैक वितरण नही हुए है।
जिलाधिकारी ने राजस्व वसूली के लंबित मामलों की जांच करते हुए बडे बकायदारों से वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए। तहसील स्तर पर लंबित देयता के निरीक्षण में बताया गया कि 41 लाख के 57 मामलों में से 30 मामलों में 9 लाख की वसूली की जा चुकी है। नजारत के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालय व्यय अभिलेखों एवं आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली। एसडीएम ने बताया कि तहसील कार्यो के संपादन हेतु एक जनरेटर और एक अतिरिक्त फोटोकाॅपी मशीन की नितांत आवश्यकता है। जिस पर जिलाधिकारी ने पिछले कार्यो की उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ डिमांड भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने एसडीएम कोर्ट, तहसीलदार कोर्ट, नजारत, संग्रहालय अधिष्ठान, भूलेख कार्यालय, पेशकार, आरके सेक्शन सहित उप कोषागार का बारीकी से निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसडीएम अनिल कुमार चनियाल, तहसीलदार चन्द्रशेखर बशिष्ट, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, आरके नरेन्द्र रावत सहित तहसील प्रशासन के सभी पटलों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
जोशीमठ शहर में सुविधाओं के विकास एवं शहर के सौन्दर्यीकरण को लेकर जिलाधिकारी ने तहसील कार्यालय में नगर पालिका अध्यक्ष सहित व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए उनके सुझाव भी लिए। नगर पालिका अध्यक्ष ने जोशीमठ एवं औली में पार्किंग की समस्या रखते हुए गांधी मैदान में मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण एवं औली में पार्किंग के लिए नगर पालिका का भूमि उपलब्ध कराने पर जोर दिया। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने औली क्षेत्र के लिए ईको टूरिज्म की व्यवस्था बनाने को कहा। बताया कि इससे स्थानीय लोगो को फायदा मिलेगा। बैठक में जोशीमठ-औली मोटर मार्ग को बर्फ के मौसम हर समय सड़क खुला रखने के लिए स्नोकटर मशीन न होने की समस्या प्रमुखता से रखी गई। इस दौरान क्षेत्र मे जंगली जानवर व आवारा पशुओं की समस्याएं पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि क्षेत्र मे भालू के आतंक से लोग दहशत मे है। औली मे पशुओं को छोडने से यहां ठंड के कारण पशु मर रहे। साथ जोशीमठ बाजार मे आवारा पशुओं को रखने के लिए भी काजी हाउस बनाया जाना आवश्यक है।
नगर पालिका क्षेत्र मे संचालित निर्माण कार्यो, साफ सफाई व सुरक्षात्मक की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने नगर मे स्ट्रीट लाइट एवं प्रमुख स्थानो पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा। उन्होंने नगर क्षेत्र मे पार्क का सौन्दर्यीकरण कराने पर जोर देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्को का सौन्दर्यीकरण किया जाना आवश्यक है। पर्यटकों को पहाड़ी शैली की अनुभूति हो सके इसके लिए जोशीमठ मे किसी एक क्षेत्र के सभी मकानों व दुकानों को एक कलर स्कीम मे रंगरोगन कराने की बात कही। जोशीमठ में सेना द्वारा जगह जगह रास्ते रोकने एवं भूमि विवाद की समस्या पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को सेना के अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, व्यापर संघ अध्यक्ष नैन सिंह भण्डारी, पूर्व पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, महामंत्री जयप्रकाश भट्ट, संरक्षक व्यापार संघ माधव प्रसाद सेमवाल, कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल शाह, अतुल सती आदि मौजूद थे।
इसके बाद जिलाधिकारी ने विकासखंड जोशीमठ कार्यालय का औचक निरीक्षण भी किया। विकासखंड में उपस्थिति पंजिका निरीक्षण पर खंड विकास अधिकारी सहित कार्यालय के तीन अन्य कार्मिक अनुपस्थित पाए गए। बिना अवकाश स्वीकृत किए तथा बिना किसी भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी दिए कार्यालय से अनुपस्थित पाए जाने पर जिलाधिकारी ने सख्त कार्यवाही करते हुए सभी अनुपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन आहरण पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। इस दौरान जिलाधिकारी ने विकासखंड में मनरेगा सेल का निरीक्षण कर मनरेगा के तहत संचालित कार्यो की गहनता से जांच की। अधिकांश लोगों को मनरेगा में गौशाला निर्माण कार्यो की स्वीकृति देने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मनरेगा में स्वीकृत कार्यो का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।