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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा की

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जिला, राज्य, केन्द्र पोषित, वाह्य सहायतित एवं बीससूत्री योजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो को तय समय के भीतर गुणवत्ता के साथ पूरा करना सुनिश्चित करे। यह निर्देश जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने क्लेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा करते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को दिये।  कहा कि विकास कार्यो में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नही की जायेगी।

जिला योजना के तहत अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 50 प्रतिशत से कम व्यय करने वाले विभागों को चेतावनी देते हुए जिलाधिकारी ने प्रस्तावित कार्यो में तेजी लाते हुए 15 जनवरी तक प्रथम दो किस्तों में अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिशत व्यय करने के निर्देश दिये है। कहा कि विभागों द्वारा निर्धारित समय के भीतर अवमुक्त धनराशि व्यय न करने पर तीसरी किस्त जारी नही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई विभाग किसी कारण से अवमुक्त धनराशि व्यय नही कर पा रहे है तो वे तत्काल इसकी सूचना उपलब्ध करायें, ताकि अवशेष धनराशि को जरूरतमन्द दूसरे विभागों को आवंटित की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने अवमुक्त धनराशि का 90 प्रतिशत तक व्यय करने वाले सभी विभागों को शीघ्र तीसरी किस्त के लिए डिमांड उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये। कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और अगामी लोकसभा चुनाव की कभी भी आचार संहिता लग सकती है। इसलिए सभी विभाग तय सयम के भीतर वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य हासिल करना सुनिश्चित करें।

जिला योजना के तहत लोनिवि, पेयजल निगम, जल संस्थान, लघु सिंचाई, राजकीय सिंचाई, वन विभाग द्वारा 50 प्रतिशत से कम धनराशि व्यय करने पर जिलाधिकारी ने उन्हें जमकर फटकार लगाते हुए अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिये। कहा कि अब एक-एक दिन बहुत महत्वपूर्ण हैै, इसलिए विभाग में नोडल अधिकारी नामित कर जिला योजना की नियमित माॅनिटरिंग करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण कार्यो के टैण्डर प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये, ताकि टैण्डर प्रोसेस में अनावश्यक समय बर्बाद न हो। उन्होंने कहा कि जो निर्माण कार्यो पूरे हो चुके है उनकी फोटो, एमबी व यूसी भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

बीससूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्धारित समय से लक्ष्य पूरा करते हुए हर हाल में जिले को ‘ए’ श्रेणी में लाने के निर्देश दिये। बीससूत्री कार्यक्रम के तहत पीएजीएसवाई की धीमी प्रगति पर फटकार लगाते हुए प्रस्तावित सड़क का नाम व लम्बाई सहित पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सांसद व विधायक निधि के तहत प्रस्तावित पुराने कार्यो को भी उच्च प्राथमिकता के आधार शीघ्र पूरा कराते हुए फोटो व एमबी उपलब्ध कराने के निर्देश कार्यदायी संस्थाओं को दिये। सांसद व विधायक निधि के तहत वर्ष 2014-15 से ग्राम पंचायतों में पुलिया निर्माण, सामुदायिक केन्द्र, चैपाल आदि विभिन्न कार्य संचालित है। बैठक में कृषि, उद्यान, मत्स्य, डेयरी, उरेडा, विद्युत, सहकारिता, सेवायोजन आदि विभागों की भी योजनावार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई।

अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जिला योजना के अन्तर्गत अनुमोदित 4085.00 लाख धनराशि के सापेक्ष 2597.17 लाख की धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है, जिसमें से 65.47 प्रतिशत धनराशि विभागों द्वारा व्यय की जा चुकी है। राज्य सैक्टर में अवमुक्त धनराशि 12771.87 लाख के सापेक्ष 62.00 प्रतिशत, केन्द्र पोषित में अवमुक्त धनराशि 15103.90 लाख के सापेक्ष 79.99 प्रतिशत तथा बाह्य सहायतित योजना में अवमुक्त 129.11 लाख के सापेक्ष 77.07 प्रतिशत विभागों द्वारा व्यय किया जा चुका है।

जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 544.68 लाख के सापेक्ष 166.10 लाख, पेयजल निगम ने 217.31 के सापेक्ष 118.73 लाख, पेयजल संस्थान ने 159.69 के सापेक्ष 82.92, वन विभाग ने 61.76 के सापेक्ष 30.90 लाख, लघु सिचाई ने 75.54 के सापेक्ष 53.66 लाख, राजकीय सिंचाई ने 209.14 के सापेक्ष 66.90 लाख, माध्यमिक शिक्षा ने 195.72 के सापेक्ष 163.92 लाख, पर्यटन ने 115.26 के सापेक्ष 111.35 लाख, कृषि ने 25.20 के सापेक्ष 21.03 लाख, उद्यान ने 32.30 के सापेक्ष 20.88 लाख, पशुपालन ने 46.12 के सापेक्ष 38.28 लाख धनराशि दिसंबर माह तक व्यय की है। जबकि एलोपैथिक, आयुर्वेद, होम्योपैथिक, प्राथमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, सहकारिता, पंचायती भवन निर्माण, रेशम आदि विभागों ने प्रथम दो किस्तों में अवमुक्त धनराशि का शतप्रतिशत व्यय किया है।

जिला योजना की समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे, अघीक्षण अभियंता लेानिवि जीसी आर्या, सीएमओ डा0 तृप्ति बहुगुणा, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, परियोजना निदेशक प्रकाश रावत, जीएम डीआईसी डा0 एमएस सजवाण, सीएचओ नरेन्द्र यादव, समाज कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र लाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीजेन्द्र पांडे, अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनन्द सिंह जंगपागी सहित कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, रेशम, जल निगम, जल संस्थान आदि विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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