रावल जी और शंकराचार्य जी की डोली, 15 मई को प्रातः काल ठीक 4:30 पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए जाएंगे 14 मई को योग ध्यान मंदिर पांडुकेश्वर से धन कुबेर और उद्धव जी की डोली के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी, रावल जी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हुए लगभग 11:00 बजे सभी देव डोलिया भगवान बद्रीविशाल के धाम बद्रीनाथ में पहुंची 15 मई को कपाट खुलने के साथ ही नर यानी कि मनुष्य ग्रीष्म काल में भगवान बद्री विशाल की पूजा करेंगे तो वही शीतकाल में कपाट बंद होने के बाद देव श्री नारद ने भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना की थी। कोरोना वायरस के चलते इस बार किसी को भी बद्रीनाथ धाम जाने की अनुमति नहीं दी गई है केवल प्रशासन के द्वारा अनुमति प्राप्त करने वाले लोग ही भगवान बद्रीविशाल के धाम में पहुंचे हैं

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