बलबीर परमार

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिला प्रशासन के खिलाफ सोमवार को स्थानीय व्यापारी विभिन संघठन और पार्टियों से जुड़े लोग विश्वनाथ चैक के अतिक्रमण हटाओ अभियान के पीड़ित व्यापारियों के समर्थन में सड़कों पर उतर आये। जिला प्रशासन के खिलाफ आज सभी ने बाजार बंद करते हुए जमकर नारेबाजी के साथ जोरदार प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश जताया। प्रशासन के अतिक्रमण अभियान पर आखिर क्यों प्रशासन फसता जा रहा है।
उत्तरकाशी में प्रशासन का अतिक्रमण अभियान अब पूरी तरह बैकफूट पर है। 9 जून को प्रशासन द्वारा चलाया गया अतिक्रमण अभियान से जनपद के 25 लोग बेरोजगार हो गए थे। जिसके बाद प्रशासन का अगला अतिक्रमण हटाओ अभियान बाहर से आये लोगो द्वारा सब्जी मंडी पर चलना था। लेकिन प्रशासन की चुप्पी पर विश्वनाथ चैक के पीड़ित व्यापारी धरने पर बैठ गए। मुद्दा जब स्थानीय और बाहरी बना तो एक सप्ताह से धरने पर बैठे व्यापारियों के समर्थन में स्थानीय व्यापारी सहित कालेज और विभिन्न संगठन से जुड़े लोग एकत्रित हुए। जहां पर सबने एक मत से प्रशासन द्वारा गढ़वाल में गढवालियों के साथ हो रहे भेदभाव की रणनीति के खिलाफ बाजार बंद और उग्र प्रदर्शन किया। विश्वनाथ चैके के पीड़ित व्यापारयिं ने कहा ंकि नगरपालिका प्रशासन ने उन्हें किसी प्रकार का समय नहीं दिया और उनकी रोजी रोटी छीन ली गई। कहा कि गढ़वाल में गढवाली समुदाय के व्यापारियों के साथ दोहरी नीति के साथ प्रशासन खेल खेल रहा है।
नगर में प्रशासन के खिलाफ जोरदार आक्रोश है। स्थानीय व्यापारी का कहना है बाहर से जो व्यापारी अतिक्रमण कर बैठे हैं। उन्हें तो हटाया नहीं जा रहा है। इसके साथ ही जो रसूखदार लोग हैं उनका भी अतिक्रतमण शहर में बढ़ रहा है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। दरअसल नगरपालिका प्रशासक अतिक्रमण की कार्यवाही अगले चरण में बाहर के व्यापारियों पर चलनी थी जिसकी प्लानिंग भी की जा चुकी थी, लेकिन डीएम के हस्तक्षेप से मामला ठंडा बस्ते में डाल दिया। जिलाधिकारी की इस फैसले ने उत्तरकाशी की जन भावनाओ को भड़काने की कोशिश की ओर जिसका असर प्रदर्शन और बाजार बंद के रूप में आज जनपद की सड़क में दिखा। जिसमे युवा भी दोहरी नीति से प्रशासन को चेताते दिखा, साथ कहा कि अतिक्रमण को लेकर एक सहर एक नीति हो या फिर जिनका अतिक्रमण तोड़ा है उन्हें वहीं बसाया जाए।
स्थानीय व्यापारियों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कहा कि अगर उनके साथ न्याय नहीं होता तो उग्र आंदोलन किया जाएगा साथ ही पीड़ित व्यापारी महिलाओं ने डीएम के सामने अपना रौद्र रूप दिखाया और कहा कि अगर उनकी अनदेखी होगी, तो वह ऐसा कदम उठायेंगी कि जिसका जिम्मेदार नगरपालिका और प्रशासन का होगा। अब देखना होगा जनपद में पनप रहा आक्रोश को प्रशासन कैसे शांत कराता है।

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