रामनगर।

विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण अभियान को अविलंब रोकने की मांग को लेकर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, समाजवादी लोकमंच, इंकलाबी मजदूर केंद्र,किसान संघर्ष समिति महिला एकता मंच, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र से जुड़े कार्यकर्ताओं ने प्रभावित लोगों के साथ मिलकर लखनपुर चुंगी पर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। सरकार पर आरोप लगाया है कि कानून की आड़ लेकर सरकार अपने औद्योगिक एवं पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए लोगों के आशियाने व दुकानों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही है।

देवभूमि व्यापार मंडल संरक्षक मनमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता एवं किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती के संचालन में धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार पर आरोप लगाया कि लोगों को आवास एवं रोजगार देने की बजाय धामी सरकार कानून की आड़ लेकर लोगों के घरों एवं दुकानों पर बुलडोजर चला रही है। वक्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री सांसद तीरथ सिंह रावत, विधायक दीवान सिंह बिष्ट पर जनता के बीच आकर लोगों को राहत दिलाने की मांग की। वक्ताओं ने रामनगर वन प्रभाग द्वारा एनएच सड़क के मानक को पूरा करने के वावजूद वन विभाग द्वारा पूर्व में लीज धारकों को नोटिस देकर बेदखल करने की कार्रवाई को माननीय उच्च न्यायालय की के आदेश का उल्लंघन बताया। धरने में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि सरकार द्वारा बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए चलाए जा रहे अतिक्रमण अभियान के कारण जहां सैकडों की संख्या में फड़ ,खोखे,दुकानदार बेरोजगार हो गए हैं वहीं लोगों के आशियाने उजड़ गए हैं। सरकार से मांग की गई है कि लोगों को उनकी जगह पर मलिकाना हक दिया जाय।

अतिक्रमण अभियान को न रोकने की दशा में 1 सितंबर को रामनगर बंद का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें सहमति बनाने के लिए 31 दिसंबर 10 बजे लखनपुर चुंगी पर व्यापारिक, ट्रांसपोर्ट,फड़-खोखे, टेंपो यूनियन के अलावा सामाजिक, राजनीतिक संगठनों, प्रभावित लोगों की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार , इंकलाबी मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित रूहेला, कांग्रेस नेता ताइफ खान, यूकेडी नेता इंद्र सिंह मनराल, सभासदभुवन डंगवाल, सभासद विमला आर्य, सभासद संजय रावत, आनंद पांडे, मोहम्मद शफी, भारत नंदन भट्ट,पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी नवीन नैथानी, नवीन नैनवाल, महिला एकता मंच की ललिता रावत, किरण आर्य, संजय, एडवोकेट फैजल हक, उवैदुल हक, बिरजू नयाल, मोहम्मद आसिफ, सुनील पर्नवाल, चिंताराम, कौशल्या, लालमणि, कमल वर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।