देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को छावनी परिषद, क्लेमेंटाउन, देहरादून में नवनिर्मित डाॅ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम पार्क का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने छावनी परिषद क्लेमेंटाउन में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र का भी उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि इस जन औषधि केन्द्र से जेनेरिक दवाईयां सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सचिवालय परिसर के मुख्य भवन का नामकरण डॉ.कलाम के नाम से किया गया है। उन्होंने कहा कि डाॅ.कलाम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए आज डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर इस पार्क को समर्पित कर रहे हैं। डाॅ.कलाम सादगी और सरलता की प्रतिमूर्ति थे। एक साधारण सी पृष्ठभूमि से होने के बावजूद भी उन्होंने अनेक मुकाम हासिल किये। डॉ.कलाम का व्यक्तित्व हमें यह सिखाता है, कि व्यक्ति जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ.कलाम ने देश सेवा करते हुए कई भूमिकाएं निभाई। भारत को परमाणु संपन्न बनाने वाले अहम् वैज्ञानिक, एक शिक्षक और देश के प्रथम नागरिक के रूप में डॉ.कलाम सदैव नई प्रेरणा करोड़ो भारतीयों को देते रहे। डॉ.कलाम का देवभूमि उत्तराखण्ड से गहरा नाता रहा है। वे खुद मानते थे कि इस दिव्य भूमि में कुछ ऐसा चमत्कारिक आकर्षण है जो अन्य कहीं नहीं है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डॉ.कलाम ने अपनी पुस्तक ‘माइ जनीर्रू ट्रांसफाॅर्मिंग ड्रीम्स इन टू एक्शन’ में इस बात का जिक्र किया है, कि कैसे देवभूमि आकर उनके जीवन की राह बदली। उन्होंने कहा कि डॉ.कलाम का विजन भारत को एक समृद्ध व विकसित राष्ट्र बनाने का था। डाॅ. कलाम के सपनो को साकार करने की दिशा में आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज के दौर में जल संसाधनों के संरक्षण की नितांत आवश्यकता है। डॉ कलाम का एक विजन था कि देश की नदियों को आपस में जोड़ा जाय।
इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर सुभाष पंवार, कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष सुनील कुमार, कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष भूपेन्द्र कण्डारी, पार्षद बीना नौटियाल, नरेन्द्र रावत, शमसाद अली, मो.यासिन, मो.तासीन, श्रीमती मंजू कोटनाला, महेश पाण्डे आदि उपस्थित थे।

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