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बोले सीएम धामी, एसआईटी जांच के आधार पर छात्र हित में निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी सरकार

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बोले सीएम धामी, एसआईटी जांच के आधार पर छात्र हित में निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने अपील की है कि युवाओं को खुद तय करना है कि आंदोलन चलाने वाले कौन लोग हैं। युवाओं को सड़क पर लाकर अपना हित साधने और पूरे मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में नकल मामले की जांच कर रही है। एसआईटी जांच के आधार पर यदि छात्र हित में निर्णय लेना हो तो सरकार पीछे नहीं हटेगी।

शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने अपील की है कि युवाओं को खुद तय करना है कि आंदोलन चलाने वाले कौन लोग हैं। युवाओं को सड़क पर लाकर अपना हित साधने और पूरे मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। ऐसे लोग हैं, जिनका युवाओं व भर्ती परीक्षा से कोई लेना देना नहीं है। केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं, लेकिन सरकार की प्रतिबद्धता है कि पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ भर्ती परीक्षाएं हो। आगे भी भर्ती परीक्षाओं का कलेंडर जारी करेंगे

25 हजार नियुक्तियां पारदर्शिता, निष्पक्षता व बिना भ्रष्टाचार की है। यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के दौरान एक केंद्र पर नकल को लेकर कुछ युवाओं की शिकायत मिली थी। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी जांच का निर्णय लिया है। एक माह से भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किया है।

एसआईटी जांच के आधार पर छात्र हित में कोई निर्णय लेना है तो सरकार पीछे नहीं हटेगी, लेकिन छात्रों की आड़ में सरकार को निशाना बनाने के साथ ही राजनीतिकरण किया जा रहा है। देशद्रोह के नारे लगा कर सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है। उत्तराखंड में हमारे युवा राष्ट्रवादी है। देवभूमि के लोग इस पर विचार कर आगे बढ़ेंगे।

 

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