बच्चों से बढ़ती वारदात पर बाल आयोग सख्त, मदरसों और सभी शिक्षण संस्थानों की जांच के आदेश
आयोग ने मदरसे में मौलवी द्वारा बालिकाओं से दुराचार और एक अन्य संस्थान में हेडमास्टर द्वारा कथित रूप से बच्चों को यूनिफार्म उतारने के लिए मजबूर करने के मामले में यह निर्देश जारी किए हैं।
उधम सिंह नगर में मदरसे और शिक्षण संस्थानों में बच्चों के साथ लगातार वारदात सामने आने पर राज्य बाल आयोग ने जिले के सभी मदरसों, शिक्षण संस्थानों, बाल गृह और दिव्यांग केंद्रों की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है
आयोग ने मदरसे में मौलवी द्वारा बालिकाओं से दुराचार और एक अन्य संस्थान में हेडमास्टर द्वारा कथित रूप से बच्चों को यूनिफार्म उतारने के लिए मजबूर करने के मामले में यह निर्देश जारी किए हैं। बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने जांच में कुछ प्रमुख बिंदुओं को शामिल करने का निर्देश दिया है।
मसलन, उनमें बालक और बालिकाओं की संख्या कितनी है, उनकी मानसिक शारीरिक और भौतिक स्थितियां कैसी हैं, वे किसी राज्य के निवासी हैं। इसके अलावा उनके मदरसे, बाल गृह और अन्य संस्थानों में रहने की वजह भी पता होनी चाहिए। जांच रिपोर्ट में मदरसे, बाल गृह और शिक्षण संस्थानों के स्वामित्व की पूरी पृष्ठभूमि और विवरण भी शामिल होगा।
. खन्ना का कहना है कि जिस तरह से मदरसों और शिक्षण संस्थानों में मासूमों के साथ घिनौने अपराध लगातार सामने आ रहे हैं, उससे जाहिर हो रहा है कि शिक्षण संस्थानों की आड़ में आपराधिक प्रवृत्ति और दुराचारी किस्म के लोग सक्रिय हैं, जिनकी पहचान और रोकथाम के लिए त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चे सुरक्षित रहें। इसके लिए विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है। 15 सितंबर तक कार्यवाही रिपोर्ट मांगी गई है।