मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में जोशीमठ में आपदा जोखिम न्यूनीकरण से सम्बन्धित होने वाले कार्यों के सम्बन्ध में बैठक ली।
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को जोशीमठ में ढलान स्थिरीकरण (Slop stabilization), पेयजल, सीवरेज, जल निकासी आदि कार्यों की डीपीआर शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार किए जाने से लेकर कार्य शुरू से पूर्ण होने तक की प्रत्येक कार्य की समयसीमा निर्धारित कर ली जाए। सभी कार्य समय से पूर्ण हों इसके लिए संबंधित विभागों के सचिवों द्वारा साप्ताहिक अनुश्रवण किया जाए। कहा कि वे स्वयं भी पाक्षिक रूप से कार्यों का अनुश्रवण करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में रेट्रोफिटिंग का कार्य करने हेतु कंसल्टेंट और विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। उन्होंने देश के सबसे अच्छे कंसल्टेंट और विशेषज्ञों को शामिल किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। औली रोप-वे में कराए जाने वाले कार्यों पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोपवे कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए उन्होंने प्रदेश में रोप-वे सेल विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। प्रदेश में रोप-वे सिस्टम को मजबूत किए जाने हेतु रोपवे सेल को भी मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सचिव श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा एवं डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली जनपद से जिलाधिकारी उपस्थित थे।