मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मालसी स्थित होटल में आयोजित हिन्दुस्तान शिखर समागम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव पूर्णतः राष्ट्र हित में है। इससे बहुत सी सहुलियतें होंगी। 05 सालों में अलग-अलग समय पर कई राज्यों को चुनावों का सामना करना पड़ता है। लोकसभा, विधानसभा, पंचायतों, नगर निकायों के चुनाव अलग-अलग समय पर होने से विकास बाधित होता और धन भी अधिक खर्च होता है। देश की उन्नति और एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना में देश को आगे ले जाने के लिए यह अच्छा कदम होगा। यह पूछे जाने पर कि उत्तराखण्ड में 2027 में चुनाव हैं, एक देश एक चुनाव यदि देश में लागू होता है तो, राज्य में भी 03 साल पहले चुनाव होंगे। क्या आप उसके लिए तैयार हैं ? मुख्यमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि हां, निश्चित रूप से हम ऐसी राजनीतिक पार्टी में काम करते हैं, जहां देश प्रथम स्थान पर, पार्टी दूसरे नम्बर पर और व्यक्ति का हित अन्तिम स्थान पर होता है। जो भी फैसला देशहित में होगा, उसमें व्यक्तिगत चीजें कोई मायने नहीं रखती है। हमारे लिये राष्ट्रहित सर्वोपरि है।
समान नागरिक संहिता को 2024 से पहले राज्य में लागू किये जाने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए बनाई गई कमेटी का ड्राफ्ट अंतिम चरण में है। ड्राफ्ट के मिलने के बाद इसे राज्य में लागू किया जायेगा। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य होगा, जहां पर समान नागरिक संहिता का कानून लागू होगा। सभी पहलुओं पर यू.सी.सी की कमेटी कार्य कर रही है। इसका प्रभाव पूरे देश में जायेगा, सभी बातों का पूरा आकलन करने के बाद ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगर 2024 से पहले कमेटी द्वारा ड्राफ्ट दिया जाता है तो, उसे लागू किया जायेगा। अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वन भूमि एवं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जिन स्थानों पर काफी समय से बसावटें हैं, उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। ऐसी बसावटों को नियमित करने की दिशा में प्रक्रिया जारी है।
नकल विरोधी कानून के सबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ काफी समय से अन्याय हो रहा था, विभिन्न माध्यमों से नकल होने की शिकायतों पर जांच की गई। इसमें दोषी पाये गये 80 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया। अभ्यर्थियों की क्षमता के अनुरूप उनका चयन हो, परीक्षाओं में पूरी पारदर्शिता बनाने के लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद अभी तक साढ़े पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले चुके हैं। सभी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में नये हिल स्टेशन बनाये जाने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वाल एवं कुमाँऊ मण्डल में एक-एक नये हिल स्टेशन बनाये जाने के लिए कार्य यौजना तैयार की जा रही है।