मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अंतर्गत चिन्हित लाभार्थियों को आवास स्वीकृति पत्र सौंपे। सीएम कैम्प कार्यालय परिसर स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लाभार्थियों को प्रथम किश्त की राशि डीबीटी द्वारा ऑनलाईन जारी की। उन्होंने कार्यक्रम में सौ से अधिक लोगों को आवास स्वीकृति पत्र वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में प्रदेश के लाभार्थियों को आवास बन जाने के बाद सामान आदि के लिए पांच-पांच हजार रूपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास के ध्येय वाक्य के साथ सरकार नहीं बल्कि साझेदार के तौर पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारम्भ की गई आयुष्मान योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। उत्तराखण्ड में इसमें प्रत्येक व्यक्ति को आच्छादित किया गया है। योजना को अधिक व्यावहारिक तरीके से लागू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं ताकि हर गरीब इसका लाभ आसानी से उठा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2027 तक उत्तराखण्ड को विश्व प्रसिद्ध पर्यटन प्रदेश बनाने पर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार कोविड से प्रभावित लोगों को राहत दे रही है। चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ का पैकेज दे रहे हैं। इसी प्रकार हेल्थ सेक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 205 करोड़ का पैकेज दिया जा रहा है। राज्य में 24 हजार सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत बेरोजगार युवाओं को भर्ती में एक साल की आयुसीमा में छूट प्रदान की गई है। जबकि एनडीए, सीडीएस, लोकसेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिये 50 हजार की धनराशि दी जायेगी। अगले चार माह में कोविड का पूर्ण वैक्सीनेशन का लक्ष्य लिया गया है।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि लाभार्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता से किया गया है। सहायता राशि डीबीटी द्वारा लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को लगातार मॉनिटरिंग करने और योजना का लाभ अन्य पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार युवाओं, महिलाओं, गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए काम कर रही हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद को मिले।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का शुभारम्भ वर्ष 2016 में किया गया। जिसका उद्देश्य सभी बेघर, कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को बुनियादी सुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराया जाना है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के द्वित्तीय फेज में एस.ई.सी.सी- 2011 सर्वे में आवास की पात्रता सूची में सम्मिलित होने से छूटे हुए कुल 94286 परिवारों को आवास प्लस के माध्यम से चिन्हित किया गया है। जिसमें से 29142 अपात्र परिवारों को हटाने के पश्चात् वर्तमान में राज्य में कुल 65144 परिवार पीएमएवाई-जी हेतु पात्र पाए गए है। जिसमे कुल 2865 परिवार भूमिहीन (देहरादून 102, हरिद्वार 42, नैनीताल 68, पिथौरागढ़-3, ऊधमसिंह नगर-2662) है।
भारत सरकार द्वारा द्वितीय फेज में आवास प्लस सूची से वित्तीय वर्ष 2020-2021 हेतु 13399 लक्ष्य तथा वित्तीय वर्ष 2021-2022 हेतु 3073 लक्ष्य सहित कुल 16472 आवास निर्माण का लक्ष्य राज्य को आवंटित किया गया है। जिसमें कुल 2865 परिवार भूमिहीन (देहरादून 102, हरिद्वार 42, नैनीताल 68 पिथौरागढ़ 3, ऊधमसिंह नगर 2662) है।
उपरोक्त प्राप्त 16472 आवास के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु राज्य को रूपये 226.99 करोड धनराशि की आवश्यकता होगी। जिसके सापेक्ष भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लक्ष्य 13399 के लिए प्रथम किश्त रू0 60,000/- की दर से केन्द्राश कुल रू0 35.39 करोड़ तथा राज्यांश कुल रू०. 3.93 करोड़ सहित कुल रू0 39.32 करोड अवमुक्त किए गए है। वर्तमान में राज्य स्तर पर विगत अवशेष रू. 47.74 करोड़ एवं उक्त अवमुक्त रू. 39.32 करोड़ सहित कुल रु. 87.06 करोड़ की धनराशि उपलब्ध है। जिसे लाभार्थियों के खाते में आन-लाईन अवमुक्त किया जा रहा है। द्वित्तीय किश्त की धनराशि लाभार्थियों के खाते में शीघ्र प्रेषित की जायेगी।
अपर सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास सुश्री वंदना ने बताया कि पीएमवाई-जी के तहत नये आवासों के निर्माण हेतु प्रति आवास अनुदान राशि 130,000.00 अनुमन्य है। जिसका भुगतान तीन किश्तों में यथा प्रथम किश्त रु 60,000, द्वित्तीय किश्त रु 40,000 एवं तृतीय किश्त रु 30,000 को ऑन-लाईन सीधे पात्र लाभार्थी के बैंक खाते में किया जाता है। इसके अतिरिक्त मनरेगा से लाभार्थी स्वयं के आवास निर्माण में 95 दिवस की मजदूरी प्रति दिवस रू. 204 की दर से कुल रू0 19.380/- प्राप्त कर सकता है तथा मनरेगा / स्वजल से शौचालय निर्माण हेतु रू. 12,000/- प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही लाभार्थी पेयजल सुविधा, उज्जवल गैस कनेक्शन विद्युत कनेक्शन की सुविधा भी प्राप्त कर सकता है।
प्रथम फेज की जानकारी देते हुए बताया कि एसईसीसी सर्वे 2011 में पात्र पाये गये 12662 परिवारों को आवास आंवटित किया गया है, जिसमें से 12425 आवासों को पूर्ण कराते हुए कुल रु. 169.87 करोड़ की धनराशि का व्यय किया गया है। प्रथम फेज के सभी 539 भूमिहीन परिवारों को भूमि पट्टा एवं आवास आवंटित किया जा चुका है। प्रथम फेज में कन्वर्जेन्स के माध्यम से लाभार्थी परिवार को स्वयं के आवास निर्माण में अकुशल मजदूरी हेतु मनरेगा से 95 मानव दिवस हेतु कुल 865811 मानय दिवस सृजित करते हुए कुल रु. 1510.68 लाख का व्यय किया गया है। इसके साथ ही मनरेगा / स्वजल से 12425 शौचालयों का निर्माण हेतु रु. 12,000/- की दर से कुल रु. 14.91 करोड़ का व्यय किया गया है। इसके अतिरिक्त कन्वर्जेन्स के तहत कुल 3920 परिवारों को उज्जवला गैस कनेक्शन की सुविधा प्रदान की गयी है। कुल 8113 लाभार्थियों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी गयी तथा कुल 7733 लाभार्थियों को विद्युत कनेक्शन की सुविधा प्रदान की गयी है।