- मुख्यमंत्री ने 61 व्यक्तियों को वितरित की ऑनलाइन वृद्धावस्था पेंशन
- प्रदेश में अब 59 वर्ष 6 माह की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन हेतु किये जा सकेंगे आवेदन
- मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में पहली बार 60 वर्ष की आयु पूर्ण करते ही प्रारम्भ हुई वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही ।
- हमारा उदेश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास और सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्र ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था का सलीकरण किये जाने से अब हमारे वृद्धजनों को समय से वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को 1200 से बढ़ाकर 1500 किया है। अब पति पत्नी दोनों वृद्ध दंपति को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उदेश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है, जिसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी वृद्धजन उनके अभिभावक के समान है, जिनकी सेवा में वे हमेशा तत्पर रहेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। जिसपर राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उत्तराखंड विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। हर क्षेत्र में राज्य सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान में आया। राज्य में बेरोजगारी दर घटी है। ईज ऑफ लिविंग में भी राज्य ने बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा बीते 3 सालों में लगभग 19000 युवाओं को सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रदान की गई है। राज्य में रिक्त पड़े सभी पदों को तेजी से भरे जाने के प्रयास निरन्तर जारी है।