बद्रीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव पांडुकेश्वर में स्थित भगवान कुबेर जी का नया मंदिर निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है यहां राम मंदिर के तर्ज पर ही कुबेर मंदिर का निर्माण ग्रामीणों के द्वारा और साधु-संतों के सहयोग से बनाया जा रहा है। जिसके लिए राजस्थान से निकासी वाले पत्थर पांडुकेश्वर पहुंच चुके हैं पत्थरों को मंदिर स्थल तक पहुंचाने के लिए ट्राली लगाई गई है और ट्रॉली के द्वारा पत्थरों को मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है।


बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई को भीष्म काल के लिए खुल रहे हैं
इससे पहले कुबेर भगवान का मंदिर भव्य तरीके से तैयार कर दिया जाएगा भगवान कुबेर पांडुकेश्वर क्षेत्र के आराध्य देव माने जाते हैं और 6 माह तक भगवान बद्रीविशाल के साथ कुबेर भगवान की पूजा बद्रीनाथ धाम में ग्रीष्म काल में की जाती है और उसके बाद शीतकाल में पांडुकेश्वर में भगवान कुबेर की विशेष पूजा-अर्चना होती है पूर्व में पांडुकेश्वर में एक छोटा सा मंदिर था जिसे अब भव्य रुप दिया जा रहा है ताकि देश विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को सुगम तरीके से भगवान कुबेर के दर्शन हो सके।

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