जिला, राज्य, केन्द्र पोषित, वाह्य सहायतित एवं बीससूत्री योजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यो को तय समय के भीतर गुणवत्ता के साथ पूरा करना सुनिश्चित करे। यह निर्देश मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे ने क्लेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति समीक्षा करते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को दिये।  कहा कि विकास कार्यो में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नही की जायेगी।

जिला योजना के तहत लोनिवि, वन तथा मत्स्य विभाग द्वारा 60 प्रतिशत से कम धनराशि व्यय करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने प्रस्तावित कार्यो में तेजी लोने के निर्देश दिये। कहा कि विभागों द्वारा निर्धारित समय के भीतर अवमुक्त धनराशि व्यय न करने पर तीसरी किस्त जारी नही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई विभाग किसी कारण से प्रस्तावित योजना में अवमुक्त धनराशि व्यय नही कर पा रहे है तो वे तत्काल दूसरी योजना का प्रस्ताव उपलब्ध कराये तथा जिन विभागों ने अवमुक्त धनराशि का 85 प्रतिशत तक व्यय कर लिया है वो विभाग अगली किस्त के लिए शीघ्र अपनी डिमांड प्रस्तुत करें। अगामी लोक सभा चुनाव को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी निर्माणदायी विभागों को समय से टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने के भी निर्देश दिये है ताकि प्रस्तावित कार्यो में किसी प्रकार का व्यवधान न हो। साथ ही जो निर्माण कार्य पूरे हो चुके है उनकी फोटो, एमबी व यूसी भी उपलब्ध कराने कहा।

बीससूत्री कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने निर्धारित समय से लक्ष्य पूरा करते हुए हर हाल में जिले को ‘ए’ श्रेणी में लाने तथा टास्क फोर्स में सम्मलित अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के तहत यूनिटों का सत्यापन कार्य पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में कृषि, उद्यान, मत्स्य, डेयरी, उरेडा, विद्युत, सहकारिता, सेवायोजन आदि विभागों की भी योजनावार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई।

अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जिला योजना के अन्तर्गत अनुमोदित 4085.00 लाख धनराशि के सापेक्ष 2618.10 लाख की धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है, जिसमें से 77.14 प्रतिशत धनराशि विभागों द्वारा व्यय की जा चुकी है। जिला योजना के अन्तर्गत लोनिवि ने अवमुक्त धनराशि 544.68 लाख के सापेक्ष 224.12 लाख, पेयजल निगम ने 217.31 के सापेक्ष 162.60 लाख, पेयजल संस्थान ने 159.69 के सापेक्ष 135.69, वन विभाग ने 61.76 के सापेक्ष 33.90 लाख, लघु सिचाई ने 75.54 के सापेक्ष 53.66 लाख, राजकीय सिंचाई ने 209.14 के सापेक्ष 162.79 लाख, माध्यमिक शिक्षा ने 195.72 के सापेक्ष 163.92 लाख, पर्यटन ने 115.26 के सापेक्ष 111.35 लाख, उद्यान ने 24.84 के सापेक्ष 21.53 लाख, पशुपालन ने 46.12 के सापेक्ष 38.28 लाख धनराशि अभी तक व्यय की है। जबकि एलोपैथिक, आयुर्वेद, होम्योपैथिक, प्राथमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, उरेडा, कृषि, सहकारिता, पंचायती भवन निर्माण, रेशम आदि विभागों ने प्रथम दो किस्तों में अवमुक्त धनराशि का शतप्रतिशत व्यय किया है।

समीक्षा बैठक में सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, डीडीओ एसके राॅय, अधिशासी अभियंता लेानिवि डीएस रावत, सीएमओ डा0 तृप्ति बहुगुणा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीजेन्द्र पांडे, अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनन्द सिंह जंगपागी सहित कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, रेशम, जल निगम, जल संस्थान आदि सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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