देहरादून, ब्यूरो। 2014 में गठन के बाद से उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठने लगे थे। कई बार धांधली की शिकायतों के बाद भी शासन प्रशासन से लेकर पुलिस भी चैन की नींद सोती रही। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने पिछले महीने इस UKSSSC की एक भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर मुकदमा दर्ज किया और उसके बाद कुमाऊं और गढ़वाल मंडल से कई संदिग्ध आरोपियों को अरेस्ट करने के साथ ही उनसे लाखों रुपए और पेपर लीक कर कमाई गई संपत्तियों के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। कई खाते सीज किए जा चुके हैं। 3 दिन पहले लखनऊ की एक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी को रिमांड पर ले गई स्पेशल टास्क फोर्स वापस देहरादून आ चुकी है। एसटीएफ ने रिमांड पर लिए आरोपी अभिषेक वर्मा को सुद्धोवाला जेल देहरादून में फिर से डाल दिया है। पूछताछ के दौरान सामने आया कि छापने के बाद तो पेपर लीक किया ही, लेकिन पेपर का ब्लूप्रिंट बनते ही उसे नकल माफिया ने आउट कर दिया था।
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की 2021 में हुई स्नातक स्तरीय VPDO/VDO भर्ती परीक्षा मामले में लखनऊ की प्रिंटिंग प्रेस में कर्मचारियों से गहनता से पूछताछ की। STF आरोपी अभिषेक वर्मा को लेकर लखनऊ से आज मंगलवार को लौट आई है। तीन दिन की पीसीआर के बाद लखनऊ से वापस आने के बाद आरोपी अभिषेक वर्मा को फिर से देहरादून की सुद्धोवाला जेल में डाल दिया गया है। STF के अफसरों ने आरोपी की निशानदेही पर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लैपटॉप, खरीदी गई गाड़ी के कागजात आदि बरामद किए हैं। वहीं, दूसरी ओर लखनऊ में गहन पूछताछ के बाद अब कई और संदिग्ध नकल माफिया भी STF अरेस्ट कर सकती है।
बता दें कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने तीन दिन की पीसीआर के बाद फिर आरोपी अभिषेक वर्मा को देहरादून की सुद्धोवाला कारागार में डाल दिया है। एसटीएफ टीम ने अभिषेक वर्मा की पीसीआर के दौरान उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले की कई महत्वपूर्ण कड़ियां जोड़ने का प्रयास किया। जिस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ, उस स्थान का बारीकी से निरीक्षण किया और प्रेस में काम करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ की गई। आरोपी अभिषेक वर्मा से 4 बैंक पासबुक, अवैध धन से खरीदी गई कार के कागजात आदि दस्तावेज बरामद किए हैं।
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार आरोपी अभिषेक वर्मा से लैपटॉप, चार बैंक पासबुक, अवैध धन से खरीदी कार के कागजात आदि बरामद किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व एग्जामिनेशन कंट्रोलर यूकेएसएसएससी से भी गहन पूछताछ हुई है। पेपर का ब्लूप्रिंट बनने से लेकर छपने तक में सेंध लगी थी। प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान की सीसीटीवी फुटेज का कोई रिकॉर्ड का नहीं चला पता। पुनः पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। एग्जाम से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों की संवेदनशीलता और अन्य लोगों की संलिप्तता को देखते हुए इस केस में कुछ और गिरफ्तारियां STF की रडार पर हैं।