नई दिल्ली:

कोरोना महामारी के चलते कई लोगों की नौकरी छुट गई थी जिस कारण उन्हें विदेशों से वापस भारत लौटना पड़ा। विदेशों में पढ़ने वाले कई भारतीय मूल के छात्रों को भी कोरोना महामारी की वजह से वापस भारत आना पड़ा। कोविड के चलते तथा कई अन्य कारणों से कई छात्र वापस विदेश पढाई करने नही जा पाए। सीबीएसई बोर्ड में एडमिशन के ऐसे ही इच्छुक छात्रों के लिए (CBSE)केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से विदेश से वापस भारत आये छात्र देश में किसी भी सीबीएसई बोर्ड के स्कूल में एडमिशन लेकर अपनी पढ़ाई सुचारू रख सकते हैं।

गुरुवार को (CBSE) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बताया कि विदेश में पढ़ने वाले छात्र, जो सीबीएसई के संबद्ध स्कूलों में एडमिशन लेना चाहते हैं उनके लिए पिछले बोर्ड के पूर्व स्वीकृति पत्र को जरूरी दस्तावेज की लिस्ट से हटा दिया गया है। अब विदेशी छात्र चाहे तो सीबीएसई के किसी भी स्कूल में बिना पूर्वानुमति (ट्रांसफर लेटर) के भी एडमिशन ले सकता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने एक प्रेस रिलीज में कहा, विदेशी बोर्डों में विदेशों में पढ़ने वाले कई छात्र सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में शामिल हो रहे हैं। ऐसे में सीबीएसई ने फैसला किया है कि अब सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए बोर्ड के छात्रों द्वारा किसी पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। चूंकि दो अलग-अलग बोर्ड्स की कक्षाओं की समानता के आधार पर दूसरे बोर्ड्स के छात्रों को दाखिला दिया जाता है तो विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्र स्कूलों के जरिए CBSE को आवेदन दे रहे हैं कि उन्हें समानता के आधार पर 9वीं और 11वीं कक्षाओं में दाखिला देने की अनुमति दी जाए।

CBSC बोर्डकेन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के इस फैसले से विदेशी छात्रों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत पहुंची है। इससे हजारों ऐसे बच्चों और अभिभावकों को राहत की सांस मिली है जो महामारी के दौर में विदेशों से भारत वापस आए हैं। सीबीएसई की तरफ से कहा गया कि कोरोना महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न कारणों से भारत में स्थानांतरित हुए हैं। इसलिए विदेशी बोर्ड के छात्रों को संबंधित बोर्ड द्वारा किसी पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता को समाप्त किया जा रहा है। छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए सीबीएसई ने कोरोना महामारी के चलते वर्तमान परिस्थितियों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ये CBSE बोर्ड द्वारा ये बड़ा फैसला लिया गया है।

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