शहर की सड़कों पर स्पीडब्रेकर बने मुसीबत…वाहन दुर्घटनाग्रस्त, हादसे से सहमा...
शहर की सड़कों पर स्पीडब्रेकर बने मुसीबत…वाहन दुर्घटनाग्रस्त, हादसे से सहमा मासूम, बुरी तरह जख्मीराजधानी देहरादून में सड़कों पर बने स्पीडब्रेकर मुसीबत बने हुए...
क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर डराया, डिजिटल अरेस्ट कर महिला से...
क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर डराया, डिजिटल अरेस्ट कर महिला से ठगे एक करोड़ 70 लाखदेहरादून निवासी महिला ने कुछ दिन पहले शिकायत दर्ज...
देहरादून समेत तीन शहरों की आयरन स्क्रैप फर्मों पर छापा, 12...
देहरादून समेत तीन शहरों की आयरन स्क्रैप फर्मों पर छापा, 12 करोड़ का आईटीसी फर्जीवाड़ा पकड़ाअपर आयुक्त गढ़वाल जोन पीएस डुंगरियाल व संयुक्त आयुक्त...
उत्तराखंड की सड़को पर रह रहें निराश्रित/बेसहारा गौवंश को आश्रय देने...
उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत निराश्रित/बेसहारा गौवंश का आश्रय कराये जाने हेतु निर्गत शासनादेश में संसोधन का निर्णय।उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं...
उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए आई...
मुख्यमंत्री विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना). 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों/ परिसरों...
दिल्ली प्रतिबन्ध की अब नहीं लेनी होगी टेंशन , उत्तराखण्ड परिवहन...
उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा 100 नई बसें बीएस-06 मॉडल की क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि₹ 34.90 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिये जाने...
राजकीय मेडिकल कॉलेजों और इन अस्पतालो में यूजर चार्जेज को लेकर...
चिकित्सा शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध टीचिंग चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में एकरूपता लाये जाने का निर्णय।उत्तराखण्ड राज्य में...
देहरादून के स्पीड ब्रेकरो का देश भर में हल्ला, अब माँगा...
प्रमुख अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड शासन।कृपया समाचार पत्रों एवं मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि देहरादून शहर में अनेक स्थानों...
आयुर्वेद वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बना सकता है – प्रधानमंत्री मोदी
आयुर्वेद वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बना सकता है - प्रधानमंत्री श्री मोदीदेहरादून, 12 दिसंबर: देहरादून में आज 10वें वैश्विक आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 का शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चिकित्सा की प्राचीन भारतीय प्रणाली को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की क्षमता है।इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उनके संदेश को पढ़ा गया। इस सम्मेलन में 5500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें 54 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं। श्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि आयुर्वेद में वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने की क्षमता है अगर यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का ‘ व्यापक रूप से उपचार उपलब्ध कराए और बचाव, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य पर समान बल दे।श्री मोदी ने विश्वास जताया कि यह चार दिवसीय बैठक वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद को बढ़ावा देने में तेजी लाए गी । उन्होंने प्रतिभागियों से इस प्रयोजन के लिए एक नया ‘ ब्लू प्रिंट ‘ प्रस्तुत करने का आग्रह किया।इस सम्मेलन और एक्सपो का आयोजन विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है जो विज्ञान भारती, केंद्रीय आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार की एक पहल है।सत्र को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भारत सरकार के आयुष राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने प्रतिनिधमंडलों को आश्वस्त किया कि आयुर्वेद को देश के कोने कोने में फैलाया जाएगा और हर्बल उत्पादों से जुड़े चिकित्सकों तथा विनिर्माताओं के घनिष्ठ सहयोग के साथ इसे विदेशों में लोकप्रिय बनाया जाएगा।श्री धामी ने कोविड-19 के दौरान इस महामारी से निपटने में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को इस महामारी की शुरुआत से ही कोविड रोगियों के उपचार में प्रभावी पाया गया जबकि एलौपैथ के चिकित्सकों को इसका प्रभावी रुप से उपचार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।उन्होंने इस पर जोर देते हुए कि पूरे विश्व ने इसके समग्र उपचार दृष्टिकोण के कारण आयुर्वेद के महत्व को स्वीकार करना आरंभ कर दिया है, श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार 10/50 बेड के साथ 300 आयुर्वेद अस्पतालों का निर्माण कर रही है। उन्होंने एक देशव्यापी स्तर के अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने की इच्छा जताई। उन्होंने प्रतिभागियों से विभिन्न दवाओं के अंग्रेजी नामों को लोकप्रिय बनाने की अपील की जिससे कि उनकी बिक्री बढ़ाई जा सके और जरुरतमंद से बाजार से प्राप्त कर सकें।केंद्रीय मंत्री श्री जाधव ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और टेलीमेडिसिन जैसी उभरती प्रौद्योगिकीयों का उपयोग आयुर्वेद, युनानी, सिद्धा और होमियोपैथ को और अधिक बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा जिसमें पिछले कुछ समय में आठ गुनी बढोतरी हुई है।आयुष दवाओं को बढ़ावा देने के हिस्से के रूप में, प्रत्येक नगर और शहर में केवल इन्हीं दवाओं को बेचने वाले आउटलेटों को खोला जाएगा। ऐसा पहला आउटलेट इसी वर्ष अक्तूबर में दिल्ली में खोला गया था।आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि 1.3 बिलियन डालर के निवेश के प्रस्ताव पूरी तरह अग्रिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि ‘ प्रकृति परीक्षा प्रोग्राम को आशातीत सफलता प्राप्त हुई है और इससे नई दवाओं की खोज करने में सहायता मिलेगी।उत्तराखंड के आयुष सचिव श्री रविनाथ रमण ने कहा कि राज्य में 300 आयुष्मान आरोग्य केंद्र हैं और आयुर्वेद तथा हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में 8,000 से अधिक शिविरों का आयोजन किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन आयुर्वेद को और आगे ले जाएगा।10वें आयुर्वेद सम्मेलन के नेशनल आर्गेनाइजिंग कमिटी के अध्यक्ष डा. पी एम वारियर ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों की बदौलत इस सेक्टर के विकास को काफी गति मिली है और आयुर्वेद को स्वास्थ्य प्रणाली की मुख्यधारा में पूरी तरह एकीकृत करने के सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरुप, आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में काफी सम्मान प्राप्त होने लगा है।
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की शुरुआत के साथ ही ध्यान फाउंडेशन की साधिकाओं ने हवन किया
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की शुरुआत के साथ ही ध्यान फाउंडेशन की साधिकाओं ने हवन किया
देहरादून, 12 दिसंबर: भारत में प्राचीन काल से ही सभी प्रमुख आयोजन, सबसे शुद्ध तत्व - अग्नि में समाहित सकारात्मक ऊर्जा के आह्वान से शुरू होते हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए ध्यान फाउंडेशन की साधिकाएं (महिला स्वयंसेवक) आज परेड ग्राउंड में 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी 2024) के प्रारंभ होने पर हवन करने के लिए दिल्ली से यहां आईं।
ध्यान फाउंडेशन, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, की साधिका रीमा आनंद ने कहा कि इस अनुष्ठान का उद्देश्य आस-पास के वातावरण और इस अत्यंत महत्वपूर्ण सम्मेलन से जुड़े लोगों की विचार प्रक्रियाओं को शुद्ध करना है, ताकि इसके विचार-विमर्श से पूरी दुनिया लाभान्वित हो सके।
उन्होंने कहा, "आयुर्वेद हमारे वैदिक विज्ञान का हिस्सा है, जो पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है और इस बात पर जोर देता है कि सभी वैज्ञानिक गतिविधियों का लाभ सभी को मिलना चाहिए। केवल भारत ही आयुर्वेद को उसके शुद्धतम और मिलावट-रहित रूप में दुनिया को सिखा सकता है। ध्यान फाउंडेशन अपने मार्गदर्शक अश्विनी गुरुजी की प्रेरणा से वैदिक विज्ञान का ज्ञान प्रदान करने के लिए समर्पित है।"
उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि इस पहल के माध्यम से विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन दुनिया भर के सभी हितधारकों को एक साथ लाकर आयुर्वेद की वैश्विक वापसी को बढ़ावा देने की महान सेवा कर रहा है।"
डब्ल्यूएसी 2024 के मुख्य विषय, "डिजिटल स्वास्थ्य - एक आयुर्वेद परिप्रेक्ष्य" के बारे में, रीमा आनंद, जो स्वयं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना अच्छा है, क्योंकि इससे स्वस्थ विश्व के निर्माण के लिए आयुर्वेद को उसके प्रामाणिक रूप में विश्व स्तर तक पहुंचाने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि आज की दुनिया में प्रौद्योगिकी उपकरणों और प्लेटफार्म का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है, लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि जिन ऋषियों ने आयुर्वेद को एक समग्र कल्याण प्रणाली के रूप में विकसित किया, वे स्वास्थ्य विज्ञान के सबसे सूक्ष्म और जटिल विवरणों को जानते थे और उन्होंने इन विवरणों को प्राचीन-काल के ग्रंथों में शामिल किया, जो पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।
आयुर्वेद चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रशासकों, राजनयिकों, शिक्षकों और छात्रों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है, जिसे विज्ञान भारती की एक पहल, विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन (डब्ल्यूएएफ) द्वारा आयोजित किया जाता है।
सम्मेलन में 5500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें 54 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं।...