अधिवक्ता अमित तोमर की शिकायत पर उत्तराखंड क्रांति दल (महिला) की प्रदेश अध्यक्ष मेजर संतोष पर शहर कोतवाली में दर्ज किया गया मुकदमा
देहरादून : राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता वाले लोग उत्तराखंड के असल मुद्दों पर बात करने की जगह पहाड़ और मैदान के लोगों के बीच खाई पैदा करने और वैमनस्यता बढ़ाने का काम कर रहे हैं। सिर्फ वोट बैंक की राजनीती करने वाले नेता देहरादून में सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में भेद करते हैं और पर्वतीय जिलों में पहाड़ और मैदान का ढोल पीटने लगते हैं। जिनका इससे भी पेट नहीं भरता वह गढ़वाल-कुमाऊं और यहां तक कि टिहरी और पौड़ी को भी आपस में लड़ाने की फिराक में रहते हैं। विधानसभा सत्र में प्रेमचंद अग्रवाल के पहाड़ियों पर अभद्र भाषा के प्रयोग की बहस उनके मंत्री पद से इस्तीफे के बाद ठंडी पड़ने लगी थी तो अब उत्तराखंड क्रांति दल की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष मेजर संतोष भंडारी (रिटायर्ड) ने एक वीडियो बयान जारी कर फिर से पहाड़ी और मैदानी लोगों के बीच खाई पैदा करने का काम कर दिया। हालांकि, अभद्र बोल पर देहरादून के अधिवक्ता अमित तोमर की शिकायत पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।
अधिवक्ता अमित तोमर ने पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदि को शिकायत प्रेषित करते हुए कहा था कि मेजर संतोष भंडारी प्रेम और भाईचारे के साथ रहने वाले पहाड़ और मैदानी परिवेश के लोगों की भावनाओं को भड़का रही हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर मैदानी परिवेश के लोगों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। उक्त वीडियो मेजर संतोष भंडारी ने अपने फेसबुक पेज https://www.facebook.com/santosh.khatri:77.पर पोस्ट की है। उक्त फेसबुक पेज का अवलोकन किया गया तो वह लगभग 19 मिनट का वीडियो पाया गया। जिसमें मेजर संतोष भंडारी को पहाड़ियों और मैदानी लोगों के बीच दुश्मनी फैलाते हुए देखा और सुना जा सकता है।
यहां तक कि वीडियो में खुखरी से काट डालने जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। वीडियो में मेजर संतोष भंडारी को स्पष्ट रूप से उत्तराखंड के नागरिकों के बीच जाति और जन्म स्थान के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देते हुए देखा जा सकता है। मेजर संतोष भंडारी ने जानबूझकर उत्तराखंड की महिलाओं को नचनिया (पैसे के लिए प्रदर्शन करने वाली नर्तकियों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द) कहकर और उनके सिर मुंडवाने की धमकी देकर उनका अपमान करने के लिए जहरीले बयान दिए।