देहरादून:
ओडिसा के एक मेडिकल कालेज की फर्जी डिग्री तैयार कर युवक ने स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारी की नौकरी पा ली। उसकी कार्यशैली पर स्टाफ को शक हुआ तो उन्होंने जांच करने के लिए कहा। जांच में शातिर की डिग्री फर्जी पाई गई। रायपुर थाना पुलिस ने उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
शिकायतकर्ता उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. डीडी चौधरी ने बताया कि आरोपित अनिल कुमार ने खुद को मेडिकल कालेज कटक उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर ओडिसा से एमबीबीएस व इंटर्नशिप के रूप में उत्तीर्ण दर्शाया था। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर उसने डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ व फेमिली वेलफेयर डांडा लखौंड में बतौर चिकित्सक अपना पंजीकरण उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में कराया। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने अनिल की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों को मेडिकल काउंसिल को प्रमाणित करने के लिए भेजा। लेकिन, जवाब नहीं आने के चलते उसके दस्तावेजों को सही मानते हुए उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में अनिल का पंजीकरण कर लिया गया।
अनिल कुमार ने उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में बतौर चिकित्सा अधिकारी उप जिला चिकित्सालय रुड़की (हरिद्वार) में नियुक्ति भी प्राप्त कर ली। उप जिला चिकित्सालय रुड़की में अनिल की कार्यशैली और चिकित्सकीय ज्ञान पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को शक हुआ तो मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय कंसल ने अनिल के सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का मेडिकल कालेज कटक से सत्यापन करवाया। सत्यापन में अनिल के सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए।
इस संबंध में डा. संजय कंसल ने 28 अगस्त 2021 को एक पत्र महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड को लिखा। दो सितंबर को एक पत्र कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रार उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल को भेजा गया। 24 सितंबर को प्रपत्रों की जांच के लिए उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर, ओडिसा के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा गया।
जांच के बाद यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि अनिल की ओर से उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में जमा किए गए दस्तावेज वहां से जारी नहीं किए गए हैं।
थानाध्यक्ष रायपुर अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि आरोपित अनिल कुमार निवासी लोवर नकरौंदा डोईवाला देहरादून के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है