देहरादून: राजधानी देहरादून में सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर किए गए निर्माण पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की। आपको बता दें कि राजधानी देहरादून में 27 मलिन बस्तियों में रिस्पना नदी के किनारे मार्च 2016 के बाद हुए 525 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। एनजीटी ने इस मामले में 30 जून तक हर हाल में अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसी के चलते निगम ने ये कारवाई की। हालांकि इस कार्यवाही को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया लेकिन प्रशासन ने सरकारी जमीनों पर किए गए अवैध रूप से अतिक्रमणों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्तिकरण की कार्यवाही की। प्रशासन का कहना है कि पहले से ही ऐसे अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दे दिए गए थे।
राजधानी देहरादून में नगर निगम की जमीनों पर अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। बुलडोजर चलाकर प्रशासन ने इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया है। इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया, प्रशासन ने कानून के अनुसार कार्रवाई करते हुए इन अवैध निर्माणों को ढहा दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजधानी देहरादून में 27 मलिन बस्तियों में रिस्पना नदी के किनारे मार्च 2016 के बाद 525 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस मामले में 30 जून तक हर हाल में अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए थे। इसी के चलते निगम ने यह कार्रवाई की।
प्रशासन का कहना है कि पहले से ही ऐसे अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दे दिया गया था और उन्हें अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी की। इसके बाद प्रशासन ने कानून के अनुसार कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाकर इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। हालांकि, इस कार्रवाही को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। उन्होंने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया और कहा कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के अपने घरों से बेदखल कर दिया गया। लोगों का कहना था कि प्रशासन को पहले उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
प्रशासन का कहना है कि ये अतिक्रमण गैरकानूनी थे और उन्हें हटाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि नोटिस देने के बाद भी लोगों ने अपने अवैध निर्माण नहीं हटाए, इसलिए उन्हें बुलडोजर से ध्वस्त करना पड़ा। प्रशासन ने कहा कि वह लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए भी सक्रिय हैं। इस कार्रवाई को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे नहीं होने दिए जाएंगे और जो भी ऐसा करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।