- बिल्डिंग कोड्स का सख्ती से हो पालन – मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी
- सरकारी निर्माण एजेंसियों को बिल्डिंग कोड्स के नियमित निरीक्षण एवं प्रवर्तन के कड़े निर्देश
- वनाग्नि को लेकर अभी से तैनात होंगे फायर वाचर्स-सीएस
- वनाग्नि को लेकर 13 फरवरी को 7 जनपदों के 17 स्थानों पर मॉक ड्रिल
- वनाग्नि की संभावनाओं को समाप्त करने को लेकर समय से पहले पूरी करे सभी तैयारियां, सतर्कता के साथ ही जनजागरूकता व कम्युनिटी इन्वॉलवमेंट को अभियान बनाए सरकारी मशीनरी-सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी
राज्य में ग्रीष्मकाल के दौरान संभावित वनाग्नि की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आपदा प्रबन्धन विभाग को फायर वाचर्स को प्रशिक्षित कर वनाग्नि संभावना से पहले ही तैनात करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वनाग्नि नियंत्रण में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए अभी से प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने विभिन्न योजनाओं के तहत चीड़ के पत्तों (पिरूल) के निस्तारण को अभी से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि पिरूल के कारण संभावित वनाग्नि की घटनाओं पर पूर्णतः नियंत्रण हो सके। उन्होंने वनाग्नि की संभावित घटनाओं के दृष्टिगत आपदा मित्रों को संवेदनशील स्थानों पर तैनात करने तथा आपदा प्रबन्धन विभाग, रेखीय विभागों तथा सम्बन्धित एजेंसियों की वनाग्नि नियंत्रण पर राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबन्ध विभाग द्वारा राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास के तहत 11 फरवरी को टेबल टॉप एक्सरसाइज एवं 13 फरवरी को मॉक अभ्यास को आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में भूकम्परोधी पहल से सम्बन्धित सभी सरकारी निर्माण एजेंसियों को निर्माण संहिता (बिल्डिंग कोड्स) को मजबूत करने तथा उनका सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं। सीएस ने बिल्डिंग कोड्स की निरन्तर समीक्षा तथा अपडेट करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्माणधीन भवनों में भूकम्प प्रतिरोधक और जलवायु अनूकल डिजाइन मानकों सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सरकारी निर्माण एजेंसियों को इस सम्बन्ध में नियमित निरीक्षण एवं प्रवर्तन से अनुपालन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती रतूड़ी ने ईईडब्लयूएस ( भूकम्प पूर्व चेतावनी प्रणाली) के प्रभावी ढंग से लागू करने के भी निर्देश दिए हैं।आज सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आपदा प्रबन्धन विभाग, राज्य एवं केन्द्रीय एजेंसियों तथा सभी जिलाधिकारियों के साथ राज्य में वनाग्नि तथा भूकम्प से सम्बन्धित मोक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की।