नई दिल्ली /बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) सरकार बनाने जा रहे हैं। एचडी कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दलित चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाने जाने की रेस में सबसे आगे कांग्रेस नेता जी। परमेश्वर का नाम चल रहा है। जेडीएस ने जहां एक मुस्लिम को डिप्टी सीएम बनाए जाने का कार्ड चला, तो वहीं लिंगायत समुदाय से भी डिप्टी सीएम बनाये जाने की मांग कांग्रेस में उठी है।
लिंगायत समुदाय के संगठन अखिल भारत वीरशैव महासभा के नेता तिप्पाना ने खुला खत लिखकर कांग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है। तिप्पाना ने कहा कि बीजेपी में जाने का भी उन्हें ऑफर मिला था लेकिन वो कांग्रेस पार्टी छोडक़र नहीं गए। ऐसे में पार्टी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए।
दावणगेरे दक्षिण विधानसभा सीट से शमनूर शिवशंकरप्पा ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी के यशवंतराव जाधव को हराया है। अखिल भारत वीरशैव महासभा के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
कर्नाटक में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी की नजर कांग्रेस के लिंगायत विधायकों पर थी। कहा जा रहा था कि कांग्रेस के लिंगायत नेता वोक्कलिगा समुदाय से आने वाले जेडीएस नेता कुमारस्वामी को सीएम पद के लिए समर्थन देने से नाराज हैं। ऐसी आशंकाएं हैं कि ये विधायक लिंगायत नेता येदियुरप्पा के पक्ष में पलट सकते हैं। लिंगायत मठों के जरिए भी कांग्रेस के इन विधायकों को बीजेपी के खेमे में लाने की कोशिशें की जा रही थीं। हालांकि, ये सब कांग्रेस के साथ एकजुट रहे।
कांग्रेस पार्टी से लिंगायत समुदाय के 18 विधायक जीतकर आए हैं। सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और लगातार पांच बार से विधायक लिंगायत नेता शमनूर शिवशंकरप्पा को लिंगायत विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया और पार्टी के सभी लिंगायत विधायकों को बीजेपी के खेमे में जाने से रोके रखा।