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मुख्यमंत्री धामी ने टिहरी वॉटर स्पोर्ट्स कप के समापन समारोह में...

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी वॉटर स्पोर्ट्स कप के समापन समारोह में किया प्रतिभाग। मुख्यमंत्री ने टिहरी क्षेत्र के लिए की कई...

मुख्यमंत्री : उत्तराखण्ड में निवेश बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष राज्य...

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित ‘नये भारत की बात उत्तराखण्ड के साथ’ कॉन्क्लेव में कहा कि हमने...

अपर मुख्य : वैज्ञानिक आधार पर जल संसाधनों के सतत विकास...

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अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन अथॉरिटी (SARRA) की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की...

केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने की उत्तराखंड की सराहना

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नेशनल आयुष मिशन में उत्तराखंड का अच्छा काम केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने की उत्तराखंड की सराहनाप्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े नेशनल...

सचिव शैलेश बगौली ने चंपावत में जल जीवन मिशन की समीक्षा...

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सचिव शैलेश बगौली ने चंपावत में जल जीवन मिशन की समीक्षा की गुणवत्ता एजेंसियों द्वारा बताए बिंदुओं का जल्द निराकरण के निर्देश दिएश्री...

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के प्लेनेटरी सेशन में विषय- विशेषज्ञों ने साझा...

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वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के प्लेनेटरी सेशन में विषय- विशेषज्ञों ने साझा किए बहुमूल्य अनुभव आयुर्वेद को लोकप्रिय कैसे बनाएं और जनमानस तक इसकी...

प्रामाणिक आयुर्वेद भोजन और स्नैक्स जल्द ही बाजार में आएंगे: पैनल...

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प्रामाणिक आयुर्वेद भोजन और स्नैक्स जल्द ही बाजार में आएंगे: पैनल के सदस्य इस पहल का उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को कम करना और...

जी-20, ब्रिक्स और बिम्सटेक जैसे संगठनों के साथ आयुर्वेद से जुड़़े...

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जी-20, ब्रिक्स और बिम्सटेक जैसे संगठनों के साथ आयुर्वेद से जुड़़े मसलों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर बातचीत - वैद्य राजेश कोटेचा देहरादून, 13 दिसंबर:  देहरादून में 10वें आयुर्वेद सम्मेलन एवं एक्सपो के दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के प्रचार प्रसार के लिए दुनिया के विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर सहयोग करने की बात कही है। श्री कोटेचा ने कहा कि हम जी-20, ब्रिक्स और बिम्सटेक जैसे संगठनों के साथ आयुर्वेद से जुड़़े मसलों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। हम उनके साथ इस क्षेत्र में प्रशिक्षण और इसकी प्रैक्टिस को लेकर सकारात्मक बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम इन देशों पर किसी प्रकार का राजनयिक रूप से दबाव नहीं डाल सकते बल्कि उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। हम विभिन्न देशों में क्लिनिकल रिसर्च कर रहे हैं उन्हें न केवल पूरी तरह से वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां भी प्रदान करते हैं। पिछले कुछ समय में ही ऐसे देशों की संख्या 19 से बढ़ कर 84 तक पहुंच गई है। श्री कोटेचा ने बताया कि हम 156 देशों को आयुर्वेद उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा पहला विकासशील देश है जहां यूएन ने अपना आउटपोस्ट खोला है जो गुजरात के जामनगर में स्थित है। हम बड़े पैमाने पर आयुर्वेद क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। आयुष रिसर्च पोर्टल पर 43,000 से अधिक पब्लिकेशन रजिस्टर किए गए हैं। आईसीएमआर के साथ व्यापक स्तर पर क्लिनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं। जनजातीय स्थानों में रक्तहीनता की स्थिति से गुजर रही किशोरियों के लिए प्रयास किए जा रहे हैं तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिल कर मिशन उत्कर्ष आरंभ किया गया है। आयुर्वेद उत्पादों के क्लिनिकल परीक्षण के बारे में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में श्री कोटेचा ने कहा कि इस क्षेत्र में रिसर्च एवं सहयोग के लिए सभी बड़े वैज्ञानिक संस्थानों को मिल कर काम करना चाहिए। भारत सरकार आईसीएमआर और सीएसआईआर जैसे वैज्ञानिक संस्थानों के साथ निरंतर अनुसंधान संबंधी कार्यों के लिए सहयोग कर रही है। श्री कोटेचा ने कहा कि 2015 में नेशनल आयुष मिशन की स्थापना की गई जिसमें 60 प्रतिशत का आर्थिक सहयोग केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है  जबकि 40 प्रतिशत का योगदान राज्य सरकारें देती हैं। उन्होंने बताया कि 2022 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने आयुष वीजा नीति कार्यान्वित की। श्री कोटेचा ने कहा कि प्रकृति परीक्षण अभियान के तहत 26 दिसंबर तक 1 करोड़ लोगों के परीक्षण कर  लिए  जाएंगे और यह अभियान निरंतर चलता रहेगा।

डब्ल्यूएसी: विदेशी हितधारकों ने आयुर्वेद को चिकित्सा मान्यता दिलाने की बात...

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डब्ल्यूएसी: विदेशी हितधारकों ने आयुर्वेद को चिकित्सा मान्यता दिलाने की बात कहीविदेशी प्रतिनिधियों ने आयुर्वेद के लिए प्रधानमंत्री के वैश्विक समर्थन की सराहना कीदेहरादून,...

चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन से अबतक हुई 650 करोड़...

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चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन से अबतक हुई 650 करोड़ की राजस्व प्राप्ति विगत वर्ष 2023-24 के प्रथम आठ माहों की तुलना...
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