औली में हुई शाही शादी के कूडा निस्तारण का मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां नगर पालिका की ओर से औली में शाही शादी के से हुए कूड़े का निस्तारण करने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। लेकिन रिर्पाट उच्च न्यायालय में सौंपे जाने के बाद ममाले में नया मोड़ आ गया है। यहां अब पालिका प्रशासन की ओर से कूडे को जोशीमठ से शीशबाडा देहरादून ले जाने की तैयारी की जा रही है।
जून माह में सहानपुर मूल के साउथ अफ्रिका के व्यापारी गुप्ता बंधु के दो बेटों की औली में शादी का आयोजन किया गया था। जिसे लेकर औली में आयोजन से होने वाले कूड़े के निस्तारण को लेकर उच्च न्यायालय नैनीताल में एक अधिवक्ता की ओर से जन हित याचिका दायर की गई। जिस पर उच्च न्यायालय की ओर जिला प्रशासन को शादी औली में होने वाले कचरे के निस्तारण के साथ नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जिस पर जहां नगर पालिका की ओर से यहां 171 कुंतल जैविक और अजैविक कूड़े का निस्तारण किया गया। वहीं जिला प्रशासन की ओर से तय समय में रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी गई। जिसके बाद अब मामले में सुनवाई के दौरान न्यायालय की ओर से नगर पालिका जोशीमठ को औली से निकले जैविक कूड़े को देहरादून नगर निगम के डपिंग जोन शीशमबाडा देहरादून में निस्तारित करने के आदेश दिये है। न्यायालय से मिले आदेशों के बाद यहां नगर पालिका की ओर से अब जोशीमठ कि जोगीधार स्थित डंपिंग जोन से कूडे को दो बडे ट्रकों में लादकर देहरादून के लिये रवाना कर दिया गया है। जबकि पालिका की ओर अजैविक कूड़े को कंप्रेश कर करीब 2 लाख के पास्टिक ब्रिक तैयार कर लिये गये हैं।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश नौटियाल ने बताया कि औली में हुई गुप्ता बंधुओं की शादी से निकले अजैविक और जैविक कूड़े का अलग-अलग स्थानों पर निस्तारण किया गया था। यहां से निकलने वाले अजैविक कूड़े को जहां कंप्रेसर मशीन के जरिये 2 लाख की लागत की ब्रिक तैयार की गई हैं। जबकि उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद अजैविक कूड़े को ट्रकों में लादकर देहरादून के लिये रवाना कर लिया गया है।

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