नई दिल्ली। निचली अदालत द्वारा बलात्कार मामले में आसाराम पर बुधवार को फैसला सुनाये जाने से पहले शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है। राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक निचली अदालत मामले के सिलसिले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाएगी। कानून और व्यवस्था के लिए आसाराम के अनुयायियों को खतरा मानते हुए पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
डीजीआई ( जेल ) विक्रम सिंह ने बताया कि हमने फैसला सुनाए जाने के दिन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। जेल परिसर में अदालत कक्ष में अदालत के कर्मचारियों सहित मजिस्ट्रेट , आसाराम और सह आरोपी , बचाव एवं अभियोजन पक्ष के वकील मौजूद रहेंगे। विशेष अदालत में एससी, एसटी मामलों पर सात अप्रैल को अंतिम दलीलें पूरी हुई थी और अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 25 अप्रैल की तारीख निर्धारित की थी। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी लड़की की शिकायत पर आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मनाई इलाके में स्थित अपने आश्रम में उसे बुलाया और 15 अगस्त 2013 की रात में उसके साथ बलात्कार किया। आसाराम को इंदौर में गिरफ्तार किया गया और एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया। वह दो सितंबर 2013 से न्यायिक हिरासत में हैं।
डीसीपी ( पूर्व ) अमन दीप सिंह ने बताया कि हमने 21 अप्रैल से शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है और यह 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। इसके अलावा , हम शहर में आसाराम के आश्रमों पर करीबी नजर रख रहे हैं और सभी होटलों और अतिथिशालाओं के साथ-साथ बसस्टैंड और रेलवे स्टेशनों की जांच कर रहे हैं। सिंह ने बताया कि हम फैसला सुनाए जाने के दिन जेल को सील कर देंगे और किसी को भी जेल परिसर के करीब आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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