यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम की यात्रा सुचारू और सुव्यविस्थत रूप से जारी
– आज यमुनोत्री में 13290 तथा गंगोत्री में 12461 तीर्थयात्रियों का आगमन
– यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों एवं डंडी के निर्धारित संख्या एवं समयावधि में संचालित करने की व्यवस्था का दिखा अच्छा असर

उत्तरकाशी,

जिले में चारधाम यात्रा सुचारू और सुव्यस्थित रूप से संचालित हो रही है। आज सायं तक यमुनोत्री में 13290 तथा गंगोत्री में 12461 तीर्थयात्री पहॅुंचे। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के आवागमन को सुरक्षित व सुविधाजनक बनाए रखने के लिए घोड़े-खच्चरों एवं डंडी के अवागमन की संख्या एवं समयावधि तय किए जाने के संबंध में जारी आदेश का भी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। जिससे यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आवाजाही को व्यवस्थित बनाने में काफी सहूलियत हुई है।

कपाट खुलने के बाद से आज तक 12 दिनों के भीतर यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में कुल 290065 श्रद्धालु पहॅुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के बावजूद प्रशासन के द्वारा यात्रा प्रबंधन के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने और यात्रियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं जुटाए जाने के फलस्वरूप यात्रा सुव्यवस्थित ढंग से चल रही है। ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारू बनी हुई है। प्रशासन के द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए जिले के प्रवेश द्वार के बैरियर्स तथा अन्य स्थानों पर जॉंच व पंजीकरण सत्यापन तथा विपरीत दिशा से आने वाले ट्रैफिक के गुजरने तक के लिए रोके जाने पर पानी की बोतलें, जलपान एवं भोजन उपलब्ध कराने के इंतजाम अभी भी जारी हैं।

इस बीच जानकीचट्ी से यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा धारा 144 के तहत घोड़े-खच्चरों एवं डंडी के आवागमन की संख्या एवं समयावधि निर्धारित किए जाने के संबंध में जारी आदेश का सख्ती से अनुपालन कराए जाने के लिए जानकीचट्टी में प्रशासनिक अमला एवं जिला पंचायत के कार्मिक तड़के से ही मुस्तैद रहे। रोटेशन व नंबर सिस्टम से तय संख्या में घोड़े-खच्चरों एवं डंडी के यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आने-जाने की इस नई व्यवस्था का पहले ही दिन काफी अनुकूल असर रहा और तेरह हजार से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन के बावजूद पैदल मार्ग पर आवागमन आज अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक व व्यवस्थित देखा गया। आज तीर्थयात्रियों को लेकर यमुनोत्री धाम के आखिरी पड़ाव जानकीचट्टी में 1162 वाहन और गंगोत्री में 1162 वाहनों का आगमन हुआ।